भारत में भी आतंकवाद को बढावा देनेवाले मदरसोंको बन्द करना चाहिए एेसी जनता की अपेक्षा है ! क्या सरकार एेसा कदम उठाएगी ? – सम्पादक, हिन्दूजागृति
इस्लामाबाद : पेशावर के सैनिकी पाठशाला पर २०१४ के आतंकवादी आक्रमण के बाद पाकिस्तानी अधिकारियों ने आतंकवाद में कथित रूप से सम्मिलित मदरसों के विरूद्ध देशव्यापी अभियान में १८२ मदरसों को बंद किया है।
एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान (APP) ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि, पंजाब, सिंध तथा खैबर पख्तूनख्वा के मदरसों को बंद किया गया है क्योंकि आतंकवाद को बढावा देने में उनकी कथित संलिप्तता थी। रिपोर्ट के अनुसार यह कार्रवाई राष्ट्रीय कार्रवाई योजना (एनएपी) के तहत की गई। २०१४ के दिसंबर में सेना के पाठशाला पर आतंकवादी आक्रमण के बाद एनएपी बनाई गई थी।
इस बीच, आतंकवादी गतिविधियों के लिए वित्तपोषण पर अंकुश लगाने के लिए स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) ने अभी तक १२६ बैंक खातों में करीब एक अरब रूपये के परिचालन पर रोक लगा दी है। इन खातों का संबंध प्रतिबंधित आतंकवादी समूहों के साथ था।
कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने भी २५ करोड १० लाख रूपये नकद बरामद किए। सरकार ने ८१९५ लोगों का नाम चौथी अनुसूची में डाल दिया है जबकि १८८ लोगों का नाम एग्जिट कंट्रोल लिस्ट पर डाला गया है। २०५२ कट्टर आतंकवादियों की गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है।
इसी तरह सरकार ने संदिग्ध आतंकवादियों के विरूद्ध १०२६ मामले दर्ज किए हैं और २३० संदिग्ध आतंकवादियों को बन्दी बनाया है। देश में ६४ प्रतिबंधित संगठन हैं।
स्त्रोत : खबर इण्डिया टीव्ही