श्रावण शुक्ल पक्ष सप्तमी, कलियुग वर्ष ५११६
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लंदन – वैश्विक निजी बैंक एचएसबीसी ने ब्रिटेन में मुस्लिम समूहों और समुदाय के तमाम लोगों के खाते संदिग्ध बताकर बंद कर दिए हैं। बैंक ने इस निर्णय के पीछे धर्म या जाति को कारण मानने से इन्कार कर दिया। मगर मुस्लिम समुदाय ने इस विवादित फैसले पर कई सवाल खड़े करते हुए नाराजगी जाहिर की है।
बैंक ने लंदन की सबसे बड़ी मस्जिद फिन्सबरी पार्क के अलावा कई संस्थाओं और एक इस्लामी थिंक टैंक को पत्र भेजकर जानकारी दी है कि उनके खाते बंद किए जा रहे हैं। बैंक ने इनसे कहा है कि आगे सेवाएं देना उनके लिए जोखिम भरा है।
पत्र में लिखा गया है कि बैंक धर्म या जाति के आधार पर भेदभाव को अनैतिक, अस्वीकार्य और गैर कानूनी मानता है। मगर फिन्सबरी पार्क मस्जिद के एक ट्रस्टी खालिद उमर ने पत्र के पीछे के उद्देश्य को गलत बताया। उन्होंने कहा कि बैंक ने यह बिल्कुल भी नहीं बताया कि आखिर खाते बंद करने का कारण क्या है। इसलिए हम इस कदम के पीछे केवल हमारे धर्म के खिलाफ चल रहे दुष्प्रचार को कारण मानते हैं।
इस मस्जिद का संचालन २००५ तक अबू हमजा के हाथ में था। हमजा को इसी साल मई में अमेरिकी अदालत ने आतंकवाद के आरोपों में दोषी करार दिया है। मस्जिद के चेयरमैन मुहम्मद कोजबार ने बताया कि हमजा की वजह से बिगड़ी छवि को सुधारने के लिए हमने तमाम प्रयास किए हैं।
एचएसबीसी अब निर्णय को उचित ठहराने का कोई कारण नहीं दे सकता। दिसंबर, २०१२ में एचएसबीसी ने मनी लांड्रिंग मामले को निपटाने के लिए अमेरिकी अधिकारियों को १.९ अरब डॉलर की भारी-भरकम राशि चुकाई थी। पिछले साल अगस्त में बैंक ने ब्रिटेन में स्थित ४० दूतावास, वाणिज्य दूतावास और उच्चायुक्त को अपने अकाउंट बंद करने का निर्देश दिया था।
स्त्रोत : नई दुनिया