इलाहाबाद (उत्तरप्रदेश) – अयोध्या में राममंदिर के निर्माण में देरी पर संतों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा है। विश्व हिन्दू परिषद के मार्गदर्शक मंडल की बैठक में गुरुवार को संतों ने प्रश्न उठाए कि, प्रधानमंत्री सभी मुद्दों पर ‘मन की बात’ करते हैं, किंतु मंदिर के मुद्दे पर क्यों नहीं करते ? संतों ने कहा कि, उनकी सरकार बनवाने के लिए संत समाज ने पूरा जोर लगा दिया था, किंतु दुनिया भर में सेल्फी खिंचवाने वाले मोदी जन्मभूमि के सामने सेल्फी क्यों नहीं खिंचवाते ?
विहिंप के मार्गदर्शक मंडल की बैठक की अध्यक्षता स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने की। इसमें नरेन्द्रानंद सरस्वती, डॉ. रामविलास वेदांती, महंत सुरेश दास, नरेन्द्र सरस्वती, महंत कमल नयन दास, विजय राम दास, सुदर्शनाचार्य माधवाचार्य, गोपाल जी महाराज, रामरतन दास, संतोष दास सतुआ बाबा, महंत जगत रामदास, शत्रुघ्न दास, चंपत राय, स्वामी अजनेशानंद आदि मौजूद थे।
बैठक में ४ प्रस्ताव पारित किए गए। संतों ने कहा कि, श्रीरामजन्मभूमि पर मंदिर के निर्माण के लिए केन्द्र सरकार विशेष दल गठित करे। इसमें दिक्कत हो तो संसद का संयुक्त सदन बुलाकर प्रस्ताव पारित करे। संतों ने हरिद्वार और उज्जैन में विहिंप के साथ मिलकर इस मुद्दे पर सम्मेलन करने और मंदिर आंदोलन की तारीख निश्चित करने की बात भी कही।
इस परिषद में की गर्इ प्रमुख मांगे
- साथ ही केन्द्र सरकार गंगा की तर्ज पर गौ मंत्रालय बनाए।
- गाेमाता को राष्ट्रीय पशू घोषित कर संरक्षित किया जाए।
- राज्य सरकार गोचर भूमि खाली करे। जेलों और सैनिक छावनियों में गौपालन अनिवार्य किया जाए।
- विदेश से आ रहे धन की जांच हो।
- जबरन धर्मांतरण में लिप्त लोगों पर रासुका लगे।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स