श्रावण शुक्ल पक्ष सप्तमी, कलियुग वर्ष ५११६
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नवी देहली – इराक और इजराइल में बढ़ते विद्रोहियों के आतंक से आने वाले समय में भारत भी प्रभावित हो सकता है, ऐसी संभावनाओं को देखते हुए मोदी सरकार ने काउंटर-टेरेरिज्म एकेडमी बनाने का फैसला लिया है। इस प्रस्ताव पर काम भी शुरू हो चुका है। यह देश का पहला ऐसा सुरक्षा शिक्षण संस्थान होगा, जहां जवानों को ट्रेनिंग, रिसर्च और फोरेंसिक की एकसाथ जानकारी मिलेगी।
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, ''प्रस्ताव पर काम शुरू हो गया है। यह एकेडमी ट्रेनिंग विंग के साथ, फोरेंसिक साइंस का सेंटर फॉर एक्सीलेंस होगा, साथ ही अंदरुनी सुरक्षा के मुद्दों पर यह संस्थान रिसर्च भी करेगा। फिलहाल अभी ऐसा कोई थिंक-टैंक देश में नहीं है, जो सिर्फ अंदरुनी सुरक्षा मसलों पर फोकस करे।''
डर, परदे के पीछे से बढ़ सकता है आतंकवाद
बताया जा रहा है कि उक्त एकेडमी की स्थापना के पीछे केंद्र सरकार का मानना है कि खाड़ी देशों में आतंक मचा रहे अलकायदा और आईएसआईएस की गतिविधियां आने वाले समय में भारत को भी प्रभावित कर सकती हैं। सरकार का मानना है कि यदि सीधे तौर पर नहीं, तो परदे के पीछे रहकर यह संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन या सिमी की मदद भी कर सकता है। इसके अलावा सरकार चाहती है कि एकेडमी नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) और खुफिया एजेंसियों की भी मदद करेगी।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर