श्रावण शुक्ल पक्ष अष्टमी, कलियुग वर्ष ५११६
इस प्रकार कभी कोई चर्च अथवा मस्जिद जलानेका समाचार क्या कभी सुना है ? हिन्दुओंके श्रद्धास्थानोंपर आ रही यह आपत्ति पढकर जिन हिन्दुओंका रक्त नहीं खौलता, वे हिन्दू हैं ही नहीं !
- कांग्रेसके राज्यमें हिन्दुओंके मंदिर असुरक्षित !
- हिन्दू मंदिरोंका अनादर निरन्तरके लिए रोकने हेतु हिन्दू राष्ट्रकी स्थापना अनिवार्य है !
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कानिफनाथके साथ मच्छिन्द्रनाथकी प्रतिमा भी आधी जल गई है !
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ग्रंथोंको भी जलाया गया !
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भारी मात्रामें तोडफोड !
घाटसावळी (जनपद बीड, महाराष्ट्र) – देवळा गांवकी पहाडीपर स्थित कानिफनाथके मंदिरमें बलपूर्वक प्रवेश कर अज्ञातोंने कानिफनाथके साथ मच्छिन्द्रनाथकी प्रतिमाको भी जलाया । ये प्रतिमाएं आधी जल गई हैं । मंदिरके ग्रंथ भी जलाए गए हैं । भगवा ध्वज निकालकर फेंका गया है । बिजलीका सपंर्क भी निकालकर फेंक दिया गया है । मंदिरमें सिरफिरोंने सारा साहित्य अस्तव्यस्त किया है । (आज किन लोगोंमें इतना हिन्दुद्वेष भरा है, इस बातका पता सभीको है; किंतु वैचारिक मुसलमान हुए राजनेताओंकी पुलिस उन धर्मांधोंको कभी भी बंदी नहीं बनाएगी । यदि आज ऐसी ही घटना अहिन्दुओंके संदर्भमें घटती, तो अभीतक कानून एवं सुव्यवस्थाका प्रश्न उत्पन्न होता ! पुरुषार्थहीन जन्महिन्दू राजनेताओंके कारण ही हिन्दुओंके श्रद्धास्थानोंपर ऐसे आक्रमण होते रहते हैं । इस स्थितिमें परिवर्तन करने हेतु हिन्दू राष्ट्रकी स्थापना अनिवार्य है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) जब प्रातः हिन्दू मंदिरमें दर्शन हेतु आए थे, तो उन्हें इस घटनाका समाचार प्राप्त हुआ तथा हिन्दू संतप्त हुए । (हिन्दुओ, केवल संताप व्यक्त कर चुप न रहें, अपितु अपराधीको दंड प्राप्त होनेतक इस घटनाका पीछा करें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) उन्होंने वडवणी पुलिसको इस घटनाकी सूचना दी ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात