हिन्दू मक्कल कत्छी का तीव्र विरोध !
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मंदिर सरकारीकरण के दुष्परिणाम !
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हिन्दूओं, आपके मंदिरोंको भक्तोंके नियंत्रण में देने की मांग करें !
चेन्नई : तमिलनाडू के भूतपूर्व मुख्यमंत्री तथा द्रविड मुन्नेत्र कळघम इस राजनीतिक दल के संस्थापक सी.एन्. अण्णादुराई इनका ३ फरवरी के दिन स्मृतिदिन मनाया जाता है।
इस अवसर पर प्रतिवर्ष राज्य शासन के अधिपत्य में होनेवाले हिन्दु मंदिरों में श्रद्धालुओंद्वारा समर्पित धन से निःशुल्क अन्नदान किया जाता है !
वास्तव में अण्णादुराई नास्तिक थे !
मंदिरों में पूजा-अर्चना करने के लिए उनका सदैव विरोध था। ऐसे व्यक्ति का स्मृतिदिन मंदिर में अन्नदान कर मनाना, यह अण्णादुराई के तत्त्वोंके विरोध में है, साथ ही मंदिर में किसी का भी स्मृतिदिन मनाना, यह भी प्रथा-परंपराओंके विरोध में है !
इस संदर्भ में हिन्दू मक्कल कत्छी (हिन्दु जनता पक्ष) इस हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन के अध्यक्ष श्री. अर्जुन संपत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं तमिलनाडू की मुख्यमंत्री सु.श्री. जयललिता इन्हें पत्र लिखकर उपरोक्त सत्यस्थिति से अवगत कराया एवं इसका निषेध किया, साथ ही देवताओंका अवमान करनेवाले व्यक्ति का स्मृतिदिन मंदिर में इस प्रकार से मनाने की प्रथा को बंद किया जाए, ऐसी मांग भी की !
विशेष यह कि, वर्तमान में मोदी शासन के घटक रहे अण्णा द्रविड मुन्नेत्र कळघम एवं विरोधी दल द्रविड मुन्नेत्र कळघम यह दोनों राजनीतिक दल अपने-अपने कार्यकाल में अण्णादुराई का प्रतिवर्ष ३ फरवरी को होनेवाला स्मृतिदिन मंदिरों में निःशुल्क अन्नदान कर मनाते हैं।
इससे हिन्दु श्रद्धालुओंद्वारा समर्पित किए जानेवाले धन का दुरूपयोग होता है, ऐसा श्री. संपत ने अपने पत्र में कहा है।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात