श्रावण शुक्ल पक्ष नवमी, कलियुग वर्ष ५११६
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नयी दिल्ली : दिल्ली में विधानसभा चुनाव कब होंगे, ये अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन इस मुद्दे को लेकर राजनीति जरूर तेज हो गई है। एक तरफ आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने जंतर-मंतर पर रैली कर भाजपा को दिल्ली में विधानसभा चुनाव कराने की चुनौती दे रहे हैं तो वहीं आम आदमी पार्टी की रैली में लोगों की संख्या देखकर कांग्रेस और भाजपा के पसीने छूटने लगी है। जहां कांग्रेस आम आदमी पार्टी की रैली को पब्लिसिटी स्टंट बता रही है तो वहीं भाजपा अरविंद केजरीवाल पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगा रही है। कांग्रेस ने जंतर-मंतर पर रविवार को हुई आम आदमी पार्टी की रैली को नाकाम करार देते हुए कहा है कि अरविंद केजरीवाल लोकसभा चुनावों में मिली करारी हार के बाद एक बार फिर वह दिल्ली की जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि रैली में बीड़ जुटाने के लिए पार्टी ने भाड़े पर कार्यकर्ताओं को जुटाया था।
केजरीवाल पर तीखा हमला बोलते हुए दिल्ली कांग्रेस के नेता मुकेश शर्मा ने कहा कि आप नेता ने दिल्ली में विधानसभा चुनाव कराने की मांग करने के लिए रैली की जबकि यहां के लोग सब्जियों, फलों और जरूरी वस्तुओं की बढ़ती कीमतों से हलकान हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि केजरीवाल को दिल्ली के लोगों से कोई समर्थन नहीं मिला। कांग्रेस के आरोप के मुताबिक रैली में ज्यादातर लोग दिल्ली और दूसरे राज्यों के ‘आप' कार्यकर्ता थे।
वहीं, दूसरी ओर भाजपा केजरीवाल पर दिल्ली की जनता को भ्रमित करने का आरोप लगा रही है। भाजपा नेताओं का कहना है कि केजरीवाल को पहले दिल्लीवासियों के सामने यह स्पष्ट करना चाहिए कि सरकार छोड़ते हुए विधानसभा भंग करने की मांग के बाद लोकसभा चुनाव हारने पर उन्होंने उपराज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने की संभावना तलाशने का अनुरोध क्यों किया था?