ईश्वर को रिटायर करो, ऐसी फालतू बाते करनेवाले बुद्धीवादियोंके मुंहपर करारा तमाचा !
उठते-बैठते हिन्दु धर्मपर टीका-टीप्पणी करनेवालोंका इसपर क्या कहना है ?
लंडन : २ फरवरी को युनायटेड किंगडम के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने (ऑफिस फॉर नॅशनल स्टॅटिस्टिक्स) एक सर्वेक्षण प्रसारित किया है।
उस में आस्तिक एवं नास्तिक लोगोंके सुख की मात्रापर प्रकाश डाला गया है।
१. सर्वेक्षण के आकड़ोंके अनुसार आस्तिक लोग नास्तिकोंकी अपेक्षा अधिक सुखी हैं, यह स्पष्ट हुआ है !
२. विविध धर्मोंके लोगोंके बारे में विचार करनेपर हिन्दू सर्वाधिक सुखी हैं। सुख के नीचले क्रम में हिन्दूओंके पश्चात ईसाई, सीख्ख, बौद्ध, ज्यू एवं अंत में मुसलमान लोगोंका क्रम लगता है, अपितु नास्तिकोंका क्रम इसके पश्चात आता है !
३. यह सर्वेक्षण सुख, जीवन के विषय में संतुष्टता (लाइफ सॅटिस्फॅक्शन), की हुई कृति अच्छी होने की भावना (वर्थव्हाइल) एवं चिंता इन मापदंडोंके आधारपर किया गया।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात