वान्शीवासियोंको ठगाकर उनकी भूमी बिकनेवाली लुटेरी चर्चसंस्था !
पणजी : दिवार बेट के निकट के वान्शी टापू के भूमि की चर्चद्वारा बिक्री की गई है, इस बिक्री में घोटाला किए जाने का आरोप वान्शी बेट पर के स्थानीय ईसाईयोंने किया है। यह ईसाई चर्चसंस्था द्वारा विश्वासघात किए जाने का आरोप कर रहे हैं।
स्थानीय नागरिक जॉन फर्नांडिस इनके अनुसार, वान्शी एक सुंदर बेट है तथा वहां कुछ हिन्दू एवं ईसाई लोक रह रहे हैं। यहांपर २०० वर्ष पुराने घर हैं, साथ ही वहां अब छठवी पिढी के लोग रह रहे हैं।
वान्शी बेट पर होनेवाले बांधोंको तोड दिए जाने के कारण अब वहां कोई भी फसल उगाई नहीं जा सकती; इसलिए अब इन लोगोंको दिवाडी गांवपर निर्भर रहना पड रहा है, अपितु वान्शी बेट के निवासी वही निवास करना पसंद करते हैं। चर्च ने वान्शीवासियोंसे विश्वासघात किया है। चर्च ने वान्शीवासियोंकी भूमी चर्च ने बिक्री कर दी है !
वान्शी बेट की भूमी ओझन समूह हडपना चाहता है; परंतु वान्शीवासियोंमें से बहुत कम लोग इस के विरोध में लडाई लड रहे हैं। चर्च संस्था ने बेट पर स्थित चर्च को मान्यता न होने का भी स्पष्ट किया है।
यहां पर स्थित हमारी घरें, कभी भी बुलडोझर से गिराए जाएंगी, इसका हमें भय लगता है, ऐसा वान्शीवासियोंका मत है। वान्शी बेट की भूमी सीआरझेड क्षेत्र में आती है; परंतु ओझन समूह को यह भूमी देने के लिए इस नियम को मरोड़ा जा रहा है।
व्यवसाय से अधिवक्ता रह चुके फादर मायकल फर्नांडिस के अनुसार चर्च के पास बडी मात्रा में धनराशि है। वान्शी की भूमी सांत मोनिका चॅपल के परिशोधन के लिए बिक दी गई है, यह आर्चबिशपद्वारा दिया गया स्पष्टीकरण पूर्णरूप से झूठ है ! वान्शी भूमी की बिक्री यह कॅथॉलिक चर्च का एक घोटाला है, ऐसी वान्शीवासियों की भावना है। चर्चसंस्था का पारदर्शी होना अपेक्षित होता है।
वान्शी के भूमी की बिक्री के पैसे कहां गए तथा बिशप इस बिक्री का किस प्रकार समर्थन कर सकते हैं, इसका उत्तर चर्चसंस्था को देना चाहिए।
चर्चसंस्था सूचना के अधिकार के कक्ष में लाई जानी चाहिए तथा यहां के घोटाले के संबंध में चर्च ने स्वयं जानकारी देनी चाहिए।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात