श्रावण शुक्ल पक्ष द्वादशी, कलियुग वर्ष ५११६
हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, परराष्ट्रमंत्री, क्रीडामंत्री से यह मांग की है कि नई देहली ग्लासगो राष्ट्रकुल क्रीडास्पर्धा के समय भारत के राष्ट्रध्वज का अनादर करनेवालों के विरोध में, साथ ही भारत को कुत्ते के रूप में प्रदर्शित करनेवालों के विरोध में कडी कार्यवाही करनी चाहिए । विद्यमान केंद्रशासन आंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की प्रतिमा ऊंचा करने का प्रयास कर रहा है । भारत को विदेशी लोगों की ओर से आदर का स्थान प्राप्त हो, इसलिए भारत के अधिकारी, क्रीडापटु तथा साधारण नागरिकों ने अथक प्रयास किए; किंतु कुछ कारणवश उसके परिणाम स्पष्ट नहीं हुए । नीचे उद्धृत की गई कुछ घटनाओं के कारण भारतीयों का मन सुन्न हुआ ।
१. ग्लासगो राष्ट्रकुल क्रीडास्पर्धा, वर्ष २०१४ के अधिकृत गीत के समय भारत का राष्ट्रध्वज उलटा लहराया गया, यह चित्रफीत में प्रसारित किया गया । इस गीत के समय सर्व सम्मिलित देशों के राष्ट्रध्वज प्रदर्शित किए गए थे । किन्तु उस समय भारत का ध्वज उलटा लहरायाहुआ प्रदर्शित किया गया है । भारत के राष्ट्रध्वज का भगवा रंगजानबूझकर नीचे की ओर प्रदर्शित किया गया । यह राष्ट्र का अनादर सिद्ध होता है तथा अपराध करनेवाले को कारागृह का दंड है ।
२. कुत्ते की पीठ पर `इण्डिया’ लिखकर उस कुत्ते को शोभायात्रा में सम्मिलित किया गया था । इससे अंग्रेजों द्वारा उपहारगृह के बाहर लिखे गए इण्डियन्स ऐण्ड डॉग्ज आर नॉट अलाऊड इस घोषणा का स्मरण हुआ । यदि इस प्रकार भारत का अनादर होता है, तो भारत को इस क्रीडास्पर्धा का बहिष्कार करना चाहिए । साथ ही इस क्रीडास्पर्धा के आयोजकों पर कार्रवाई करनी चाहिए ।
हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा यह मांग की गई है कि यह विषय राष्ट्रकुल क्रीडास्पर्धा आयोजक एवं भारतीय प्रतिनिधि के पास उपस्थित कर अपराधियों के विरोध में वैध मार्ग से कार्रवाई करनी चाहिए ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात