हिन्दुबहुल देशमें हिन्दुआेंके प्राचीन मन्दिर में उन्हेंही संपूर्ण दिन पूजा करने के लिए अनुमती नहीं मिलती यह बात हिन्दुआेंके लिए दुर्भाग्यपूर्ण है । – सम्पादक, हिन्दूजागृति
- छत पर हुई नमाज
धार – भोजशाला में शुक्रवार सुबह बसंत पंचमी की पूजा हुई। भोजशाला के द्वार खुलने के बावजूद श्रद्धालुओं ने बाहरी परिसर में पूजा की। पहली बार गर्भगृह के बाहर पूजा हुई है। सुबह भारी संख्या में हिंदू समुदाय के लोग पूजन सामग्री लेकर भोजशाला के अंदर पहुंचे थे। किंतु, भोजशाला के भीतर हवन-पूजन शुरू होता, इससे पहले ही भोज उत्सव समिति के सदस्य बाहर आ गए।
उन्होंने आरोप लगाया कि भोजशाला के अंदर ऐसे लोग एकत्रित हैं, जिनका इस आयोजन से कोई लेना-देना नहीं है। इसिलिए वे बाहर ही पूजा करेंगे। इसके बाद श्रद्धालुओं ने बाहरी परिसर में पूजा की।
केवल २५ मुसलमनोंने पढी नमाज !
केवल २५ मुसलमानों को नमाज पढने के लिए सहस्रो हिन्दुआेंके संपूर्ण दिन पूजा से वंचित रखनेवाले तथा उसके लिए सहस्रो पुलिस बल तैनात कर मनुष्यबल आैर समय दोनो व्यर्थ करनेवाला प्रशासन ! – सम्पादक, हिन्दूजागृति
भोजशाला में नमाज पढने के लिए केवल २५ मुसलमान उपस्थित थे । इसिलिए एक आेर बडी संख्या में हिन्दू एकत्रित होने के बावजूद भोजशाला में उनको पूजा करने की अनुमती नहीं थी, तो दुसरी आेर नमाज पढने के लिए केवल २५ मुसलमान उपस्थित रहने का चित्र दिख रहा था ।
स्त्रोत : राजस्थान पत्रिका