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राष्ट्रपति भवनमें ‘सन्स ऑफ बाबर’ नाटक प्रस्तुत !

हिंदु जनजागृति समितिने दिल्ली पुलिस थानेमें परिवाद प्रविष्ट करनेका निर्णय लिया !

मुंबई (महाराष्ट्र) २८ अक्टूबर (वृत्तसंस्था) – क्रूरकर्मा मुगल आक्रमक बाबरका उदात्तीकरण करनेवाला ‘सन्स ऑफ बाबर’ नाटक आज राष्ट्रपति भवनमें प्रस्तुत किया गया; परंतु वह क्यों नहीं हुआ, यह रात्रिमें देरतक ज्ञात नहीं हो पाया । हिन्दू जनजागृति समितिके मुंबई, ठाणे एवं रायगढ जनपद समन्वयक श्री. शिवाजी वटकरने प्रतिक्रिया दी कि यदि नाटक प्रस्तुत हुआ तो हिंदु जनजागृति समितिद्वारा दिल्ली पुलिस थानेमें धार्मिक भावनाएं आहत होनेके संदर्भमें परिवाद प्रविष्ट किया जाएगा ।

दिल्ली पुलिसद्वारा समितिसे पूछताछ !

श्री. वटकरने पत्र भेजकर राष्ट्रपतिसे नाटक निरस्त करनेकी मांग की थी । इसपर आज दिल्लीके चाणक्यपुरी पुलिस थानेसे पुलिस अधिकारी सतीश शर्माने दूरभाषपर श्री. वटकरसे पूछताछ की । उन्होंने श्री. वटकरसे पूछा, ‘‘समितिद्वारा नाटकके विरोधमें किस प्रकारका आंदोलन होगा ।’’ श्री. वटकरने कहा कि समिति दूरभाषद्वारा और पत्र भेजकर वैध मार्गसे इस नाटकका विरोध कर रही है । हमें ज्ञात है कि आप नाटक बंद करने हेतु निदर्शन करनेकी अनुमति नहीं देंगे । आप इस नाटकके विरोधमें हिंदुओंकी धार्मिक भावनाएं आहत करनेके संदर्भमें धारा २९५ (अ) एवं १५३(अ)के अंतर्गत अपराध प्रविष्ट करें । ईसाई एवं मुसलमानोंकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई होतीं, तो क्या उन्होंने आपको पूछा होता ? हम कानून एवं सुव्यवस्थाका पालन करते हैं । हमारी भावनाएं आप दिल्लीके पुलिस आयुक्तको बताएं ।


राष्ट्रपति भवनमें प्रस्तुत किया जाएगा ‘सन्स ओफ बाबर’ नाटक !

हिन्दुओ, अनाचारी बाबरका उदात्तीकरण वैध मार्गसे रोके !

नई दिल्ली, २५ अक्टूबर – केंद्रीय कानूनमंत्री सलमान खुर्शीदद्वारा लिखा गया एवं मुगल आक्रमक बाबरका उदात्तीकरण किया गया ‘सन्स ऑफ बाबर’ नाटकका प्रयोग २८ अक्टूबरको राष्ट्रपति भवनमें प्रस्तुत किया जानेवाला है । इसमें खुर्शीद भी भूमिका निभाएंगे । इस अवसरपर राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील एवं प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह उपस्थित रहनेवाले हैं । पिछले मई महीनेमें इस नाटकके गोवामें हुए प्रयोगको हिंदु धर्माभिमानियोंद्वारा तीव्र विरोध करनेके उपरांत भी यह नाटक प्रस्तुत किया गया था । (बाबरके वंशज समान हिंदुद्रोही कार्य करनेवाली कांग्रेससे और क्या अपेक्षा कर सकते है ? हिंदुओ, क्रूर बाबरका उदात्तिकरण (महानताका बखान) करनेवाली कांग्रेसको हटाकर हिंदुराष्ट्र स्थापित करें ! – संपादक) निधर्मी (अधर्मी) कांग्रेसके मुगल कालावधिपर आधारित ‘सन्स ओफ बाबर’ नाटककी पाश्र्वभूमिका वर्ष १८५७ के क्रांतिकी है । इस नाटकका नायक राजा बहादुर शाह जफर है । नाटकके दिग्दर्शक सईद आलमने बताया कि इस नाटकद्वारा यह दर्शाया जा रहा है कि हिंदुस्थानमें मुसलमानोंकी पहचान अल्प होती जा रही है ।

(‘इस देशकी साधन संपत्तिपर पहला अधिकार मुसलमानोंका है’, ऐसा कहनेवाले भारतके प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिह एवं सच्चर समितिकी अनुशंसा (सिफारिश) स्वीकार कर मुसलमानोंपर सहस्रों करोड रुपयोंकी वर्षा करनेवाली कांग्रेसके राज्यमें मुसलमानोंकी पहचान अल्प होती जा रही है, ऐसा कहना अर्थात् चोरी और सीनाजोरी ही है ! हिंदुओ, मुसलमानोंको पाकिस्तान दिया, उस समय ५५ करोड रुपए (अभीके १४ सहस्र करोड रुपए) दिए, पाकव्याप्त कश्मीर दिया, राष्ट्रपति पद दिया, जिहादी आतंकवादियोंको खुला क्षेत्र दिया । ऐसा होते हुए भी इस प्रकारके वक्तव्य करनेका अर्थ यह है कि मुसलमान पूरा भारत इस्लाममय करनेकी महत्त्वाकांक्षा रखते हैं, यह ध्यानमें रखें एवं हिंदुराष्ट्र स्थापित करनेके लिए सिद्ध हों ! – संपादक)

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