श्रावण पूर्णिमा, कलियुग वर्ष ५११६
इस्रायल के आक्रमण के शिकार हुए गाजा के आंतकवादी केवल धर्मांध हैं; इसलिए पूरे विश्वके इस्लामी राष्ट्र संगठित रूप से इस्रायल पर दबाव डालते हैं, तो पडोसी बांग्लादेश में अनेक वर्षों से हिन्दुओंपर अनन्वित अत्याचार होते हुए भी भारत के हिन्दू एवं बलशाली संगठन केवल हाथ पर हाथ रखकर निष्क्रियता से देखते रहते हैं ! हिन्दुओ, इस स्थिति में परिवर्तन करें !
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८ लक्ष रुपएकी सम्पत्ति लूट ली
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परिवाद प्रविष्ट करने में टालमटोल
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ढाका – बांग्लादेशके बांग्लादेश माइनॉरिटी वॉच हिन्दूनिष्ठ संगठनके अध्यक्ष अधिवक्ता रवीन्द्र घोष द्वारा यह सूचना प्राप्त हुई है कि नौखाली जनपद में धन्न्यापुर में धर्मांधों द्वारा किए गए श्री दुर्गादेवी की प्रतिमा के अनादर के संदर्भ में अप्रसन्नता व्यक्त करनेवाले हिन्दुओं पर धर्मांधों द्वारा आक्रमण तथा प्रतिमा का पुनः अनादर करने की संतप्त घटना हाल ही में घटी है । इतना ही नहीं, अपितु श्री दुर्गादेवी की प्रतिमा का अनादर करने के पश्चात धर्मांधों ने मंदिर के लगभग ८ लक्ष रुपए की सम्पत्ति लूट ली ।
धन्न्यापुर गांव में ८ से १० हिन्दू परिवार अनेक वर्षों से निवास कर रहे हैं । उनकी बस्ती के निकट ही श्री दुर्गादेवी तथा रामठाकुर मंदिर है । मंदिर के सामने खुले मैदान में पडोस में रहनेवाले मुसलमान बैडमिण्टन तथा फुटबॉल खेलते हैं । एक बार खेलते समय उनके द्वारा मंदिर की प्रतिमा का अनादर हुआ; इसलिए हिन्दुओं ने अप्रसन्नता व्यक्त की । इस बात का क्रोध मन में रखकर लगभग १३ धर्मांधोने के गुट ने प्राणघातक शस्त्र लेकर हिन्दू परिवारों के निवासों पर आक्रमण किया तथा अनेक हिन्दुओं को घायल किया । इसके अतिरिक्त उन्होंने मंदिर के श्री दुर्गादेवी की प्रतिमा का अनादर किया । साथ ही ८ लक्ष रुपएकी सम्पत्ति लूट ली । जब इस घटना का परिवाद पुलिस थाने में प्रविष्ट किया गया, उस समय पुलिस द्वारा योग्य प्रतिसाद प्राप्त नहीं हुआ । अतः हिन्दुओं ने बांग्लादेश माइनॉरिटी वॉच संगठन के अध्यक्ष अधिवक्ता रवीन्द्र घोष से संपर्क किया । अधिवक्ता घोष ने घटनास्थल पर जाकर जानकारी प्राप्त की तथा पुलिस से संपर्क किया । अतः पुलिस ने जांच आरंभ कर तीन अपराधियों को बंदी बनाया । अन्य अपराधियों की जांच अभी भी आरंभ है । (बांग्लादेश में हिन्दुओं की रक्षा के लिए लडनेवाले अधिवक्ता रवीन्द्र घोष द्वारा भारत के हिन्दूनिष्ठ संगठन के नेता क्या कुछ सीख प्राप्त करेंगे ? – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात