भाद्रपद कृष्ण पक्ष द्वितिया, कलियुग वर्ष ५११६
नई दिल्ली – भारत कभी विश्व गुरु था, वर्षो अंग्रेजों ने भारतीयों का अपमान किया, लेकिन आज स्वतंत्रता के बाद भी देश में गो हत्या नहीं रुकी और धर्मातरण जारी है। ये बातें विश्व हिंदू परिषद के दिल्ली अध्यक्ष रिखब चंद्र जैन ने कही। मौका था सोमवार को झंडेवालान में विहिप के स्वर्ण जंयती पर आयोजित कार्यक्रम का।
इस दौरान परिषद पदाधिकारियों द्वारा स्वर्ण जयंती महोत्सव समिति का गठन किया गया और २२ फरवरी, २०१५ में विराट हिंदू सम्मेलन का आयोजन किया जाना तय किया गया है।
इस अवसर पर रिखब चंद्र जैन का कहना था कि वर्ष १९६४ में जन्माष्टमी के दिन विहिप की स्थापना की गई थी। परिषद हिंदू समाज के जागरण, संगठन समरसता, संस्कृति व धर्म के सरंक्षण व विकास पर काम कर रहा है। उनका कहना था कि विगत वर्षो में परिषद के कार्यकर्ताओं ने ५५० गौशाला खोली, करीब ६० हजार सेवा कार्य किए। ५१ हजार ग्राम शिक्षा मंदिर, २० लाख ग्रामीणों को अनौपचारिक शिक्षा, १५१ छात्रावास व ४२ अनाथालय खोले। उनका कहना था कि परिषद के कार्यकर्ताओं द्वारा रामजन्म भूमि आंदोलन, रामसेतु आंदोलन, अमरनाथ आंदोलन, गौ रक्षा, हिंदू कन्याओं की लव जिहादियों से रक्षा आदि आंदोलनों के माध्यम से कई जनजागरण अभियान चला चुका है। इस मौके पर मंत्री रामकृष्ण श्रीवास्तव, सरदार रविंद्र सिंह, प्रो. रवि शेखर, डॉ. कृष्ण कुमार, राष्ट्र प्रकाश, विनोद बंसल, गुरदीन प्रसाद, राजेश, राजीव कुमार साहनी, विनोद कुमार समेत अन्य कई लोग उपस्थित थे।
स्त्रोत : जागरण