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जेएनयू प्रकरण पर अनुपम खेर ने कहा, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर देश की एकता को खंडित करने का किसी को भी अधिकार नहीं है !

इंदौरदेहली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के परिसर में एक आयोजन के दौरान भारतविरोधी नारेबाजी पर अभिनेता अनुपम खेर ने अपनी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर देश की एकता को खंडित करने का किसी को भी अधिकार नहीं है।

इंदौर में एक नाट्य प्रस्तुति के लिए आए अनुपम खेर ने शनिवार रात कहा कि, भारत की राजधानी के बडे विश्वविद्यालय जेएनयू में कुछ लोग जमा होकर देश की बर्बादी के नारे आखिर कैसे लगा सकते हैं। यह अभिव्यक्ति की कौनसी स्वतंत्रता है, जिससे देश की एकता को खतरा हो। आप किसी सरकार से नाखुश होकर उसके विरूद्ध नारेबाजी कर सकते हैं। किंतु देश की एकता को खंडित करने का किसी को कोई अधिकार नहीं है।

देश की बर्बादी के नारे लगाए जाने के प्रकरण में क्षमा का प्रश्न ही नहीं उठता। उन्होंने कहा कि देहली के मुख्यमंत्री अरविंद  केजरीवाल कह रहे हैं कि वह जिलाधिकारी (डीएम) से जेएनयू की घटना की जांच कराएंगे। खेर ने पूछा कि, क्या केजरीवाल ने इस घटना से संबंधित वीडियो नहीं देखा है? उन्होंने कहा कि, देश सागर मंथन की प्रक्रिया से गुजर रहा है और लोगों के चेहरों से नकाब उतर रहे हैं। मुझे लगता है कि इस मंथन से विष के बाद अमृत भी निकलेगा।

स्त्रोत : खबर आइबीएन

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