भाद्रपद कृष्ण पक्ष पंचमी, कलियुग वर्ष ५११६
![]() फिल्म 'पीके' के पोस्टर में आमिर खान |
नई देहली : बॉलीवुड स्टार आमिर खान की दिसंबर में रिलीज हो रही फिल्म 'पीके' के पोस्टर को अदालत ने अश्लील नहीं माना है। अदालत ने उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें आमिर खान व अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देने की मांग की गई थी। तीस हजारी कोर्ट में मेट्रोपोलिटन मैजिस्ट्रेट पवन सिंह रजावत ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता ने अपने डर को गलत ढंग से पेश किया क्योंकि फिल्म 'पीके' का पोस्टर किसी तरह की सेक्शुअल डिजायर्स को बढ़ावा नहीं दे रहा है। अदालत ने कहा कि यह याचिका पब्लिसिटी हासिल करने के मकसद से दायर की गई। इसमें पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देने का कोई आधार नजर नहीं आता। जज ने अपने आदेश में कहा कि सिर्फ न्यूडिटी के पैमाने पर किसी तस्वीर की अश्लीलता निर्भर नहीं करती। सारे कपड़े पहने हुए व्यक्ति की फोटो भी अश्लील हो सकती है। ठीक इसी तरह बिना कपड़ों वाले व्यक्ति की फोटो भी अश्लीलता की कसौटी पर खरी नहीं उतर सकती। अदालत ने कहा कि आमतौर पर अश्लीलता सेक्स से संबंधित चीजों से जुड़ी होती है, जो न्यूडिटी से भी परे है। इसी मामले में आमिर पर देश की कई अदालतों में अश्लीलता फैलाने का आरोप लगाते हुए याचिकाएं दायर की गई हैं।
क्या थी शिकायत
इस मामले में एडवोकेट रंजन खतूमारिया, कुणाल व अन्य की ओर से याचिका दाखिल की गई थी। याचिका में फिल्म 'पीके' के पोस्टर के जरिए समाज में अश्लीलता फैलाने का आरोप लगाते हुए पुलिस को आमिर खान और फिल्म के डायरेक्टर राजकुमार हिरानी, प्रोड्यूसर विधू विनोद चोपड़ा और सिद्धार्थ रॉय कपूर के खिलाफ आईपीसी की धारा २९२ (अश्लीलता का प्रचार) के तहत एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता की शिकायत थी कि आमिर खान के पोस्टर से समाज पर बुरा असर पड़ेगा और इससे समाज में यौन अपराधों को बढ़ावा मिलेगा।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर