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पांडू पिंडारा (हरियाणा) एवं उज्जैन में सनातन संस्था एवं हिन्दु जनजागृति समितिके संयुक्त विद्द्यमान में फलक प्रदर्शनी !

‘सोमवती अमावस्या’ के निमित्त हरियाणा के पांडू पिंडारा एवं उज्जैन के रामघाट परिसर में सनातन संस्था एवं हिन्दु जनजागृति समिती इनके संयुक्त विद्द्यमान में ‘आचारधर्म एवं राष्ट्र रक्षण’के संदर्भ में जानकारी देनेवाले फलकोंकी प्रदर्शनी लगाई गई थी।

पांडू पिंडारा (हरियाणा) में सनातन संस्था की ओर से ‘ग्रंथ एवं फलक प्रदर्शनी’ का आयोजन

जिज्ञासूओंको जानकारी देते हुए सनातन के श्री. विनय पानवळकर (बाईं ओर)

हरियाणा : पांडू पिंडारा (जिन्द) में हर सोमवती अमावस्या के दिन ‘पिंड दान’ करने हेतु लाखों श्रद्धालु आते हैं।

इस अवसरपर ८ फरवरी के दिन पांडू पिंडारा के रतिराम आश्रम के प्रबंधक महंत केशवानंद महाराज ने उनके आश्रम में सनातन के ‘ग्रंथ एवं फलकोंकी प्रदर्शनी’ लगाने हेतु साधकोंको आमंत्रित किया था। इस अवसरपर लगाई गई ‘ग्रंथ एवं फलक प्रदर्शनी’ का सैंकडो जिज्ञासूओंने लाभ उठाया।

इस आश्रम की ओर से श्री रतिराम संस्कृत महाविद्यालय भी चलाया जाता है। यहांपर अनेक आश्रम बनाए गए हैं।

‘पांडु पिंडारा’ इस तीर्थक्षेत्र का महिमा

पांडवोंके काल से इस स्थान को तीर्थक्षेत्र का महत्त्व प्राप्त हुआ है।

उस समय जिंद गांव को ‘जयंती नगरी’ यह नाम था। सत्ययुग में चंद्रमा क्षयरोग से ग्रस्त था। इस पवित्र तीर्थ में स्नान करने से उसका क्षयरोग दूर हुआ। चंद्रमा का नाम सोम होने से सत्ययुग में यह तीर्थ ‘सोमतीर्थ’ के नाम से जाना जाता था। आगे जाकर द्वापरयुग में वह ‘’पिंडारक’’ नाम से विख्यात हुआ।

महाभारत के युद्ध में सभी कौरव एवं उनके मित्र इनके मारे जाने से उनकी पत्नियां विधवा हुईं। युद्ध के १ वर्ष पश्‍चात धर्मराजा युधिष्ठिरने राजसिंहासनपर बैठते समय मृत परिजनोंके लिए एवं उनकी दुःखी एवं संतप्त विधवाओंके कल्याण हेतु शरशय्यापर सोए हुए पितामह भीष्म को प्रश्‍न किया कि, हमारे पूर्वजोंको मोक्ष कैसे मिलेगा ? तब पितामह भीष्म ने पिंडारा तीर्थपर जाकर स्नान कर दान एवं पिंडदान करें, ऐसा कहा।

यहां पर पिंडदान करने के कारण इस तीर्थ का नाम ‘पांडू पिंडारा’ प्रचलित हुआ।

पांडवोंने १२ वर्षोंतक इस तपोवन में तपश्‍चर्या की तथा अपने पूर्वजोंको मोक्षप्राप्ति हो; इसलिए स्नान, तर्पण एवं पिंडदान किया। इतना कर भी सोमवती अमावस्या नहीं आयी। अंत में कलियुग में सोमवती अमावस्या पुनःपुनः आती रहेगी, ऐसा शाप दे कर पांडव वहां से निकल गए।

इस तीर्थ की खुदाई करते समय मिली ‘दिव्य शिवलिंग मूर्ति’ का स्थापना पांडवोंने की थी !

उज्जैन मे सनातन संस्था एवं हिन्दु जनजागृति समिति इनके संयुक्त विद्द्यमान में ‘फलक प्रदर्शनी’ का आयोजन

उज्जैन : ‘सोमवती अमावस्या’ के निमित्त रामघाट परिसर में सनातन संस्था एवं हिन्दु जनजागृति समिति इनके संयुक्त विद्द्यमान में ‘आचारधर्म एवं राष्ट्ररक्षा’ के संदर्भ में जानकारी देनेवाले फलकोंकी प्रदर्शनी लगाई गई थी।

इस प्रदर्शनी के आयोजन के लिये श्री क्षेत्र पंडा समिति के उपाध्यक्ष पं. संजय जोशी इन्होंने अनुमति दी।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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