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आसाम हडपनेका बांग्लादेशी घुसपैठिए मुसलमानोंका प्रयास विफल करें ! – हिंदू जनजागृति समितिकी मांग

श्रावण शुद्ध ९, कलियुग वर्ष ५११४


     बांग्लादेशसे निरंतर होनेवाली घुसपैठपर केंद्रशासनद्वारा अनदेखी की गई है । परिणामस्वरूप आज घुसपैठियोंका साहस इतना बढ गया है कि, वे आसाम राज्यमें दंगे भडका रहे हैं । केंद्रशासनको इस प्रकरणपर गंभीरतासे ध्यान देकर जनताकी सुरक्षाके लिए प्रयास करना आवश्यक है । हिंदू जनजागृति समितिने मांग की है कि केंद्रशासन तत्परतासे कृत्य करे तथा आसाममें घुसे हुए घुसपैठियोंको खदेडे एवं विस्थापित बोडो हिंदुओंको उनके मूल स्थानपर पुनर्वसन करनेकी कार्यवाही तत्काल प्रारंभ करे ।

प्रधान मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह कहते हैं कि, ‘इसमें बांग्लादेशका हाथ नहीं है;’ परंतु आसामके मुख्यमंत्री तरुण गोगोईने घुसपैठियोंके पास अत्याधुनिक शस्त्रास्त्र होना स्वीकार किया है ।

कश्मीरमें जिस प्रकार हिंदुओंको खदेडा गया है, उसी प्रकार आसामसे हिंदुओंको खदेडकर आसाम हडपनेका बांग्लादेशी घुसपैठिए मुसलमानोंका प्रयास है । कश्मीरसे विस्थापित होकर २० वर्षसे अधिक समय बीत चुका है, फिर भी वहांके साढे चार लाख हिंदुओंका आज भी पुनर्वसन नहीं किया गया है । दुर्भाग्यवश ऐसी ही परिस्थिति आसामके हिंदुओंपर नही आए, यह सावधानी केंद्रको बरतनी चाहिए ।

हिंदू जनजागृति समितिकी प्रमुख मांगें –

१. बांग्लादेशी घुसपैठियोंको तत्काल बाहर खदेडें ।

२. इन दंगोंकी पूछताछके लिए निवृत्त न्यायमूर्ति एवं निवृत्त सेना अधिकारीकी अध्यक्षतामें उच्चस्तरीय पूछताछ समिति नियुक्त कर उसे १ माहमें ब्यौरा प्रस्तुत करनेके लिए कहा जाए ।

३. बोडो हिंदुओंका मूल स्थानपर पुनर्वसन कर उनकी हानिकी पूर्ति की जाए

४. आसाम राज्यसे लगी हुई बांग्लादेशकी सीमापर बाड तथा संरक्षक दीवारका निर्माण पूर्ण कर सीमा सुरक्षामें वृद्धि की जाए ।

स्त्रोत – दैनिक सनातन प्रभात

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