भाद्रपद कृष्ण पक्ष दशमी, कलियुग वर्ष ५११६
गणेशोत्सवपर लगाए जानेवाले प्रतिबंधोंके विरुद्ध आवाज उठानेवाले भूतपूर्व विधायक श्री. नितीनराजे शिंदेका अभिनंदन !
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(बार्इं ओरसे) अधिवक्ता (श्रीमती) स्वाती शिंदे एवं श्री. नितीनराजे शिंदे
सांगली (महाराष्ट्र) – विधानसभा चुनावमें आचारसंहिताका कारण आगे कर गणेशोत्सवके लिए अनुमति मांगनेवाले गणेशोत्सव मंडलोंके समक्ष पुलिस एवं प्रशासन विविध प्रकारसे अडचनें लानेका प्रयास कर रहे हैं । स्वागत कमानके निर्माणकार्यके लिए अनुमति न देना, रात्रि १० के उपरांत ध्वनिक्षेपक यंत्रणा बंद करना तथा शोभायात्रापर एवं उसके मार्गपर प्रतिबंध लगानेका प्रयास किया जा रहा है । अतः भूतपूर्व विधायक श्री. नितीनराजे शिंदेने १८ अगस्तको पत्रकार परिषदमें चेतावनी देते हुए कहा कि निरंतर हिन्दुओंके त्यौहारोंपर प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं । इसलिए यदि गणेशोत्सव मंडलोंपर दमननीतिका उपयोग करनेका प्रयास किया गया, तो मंडलोंके समर्थनमें खडे रहकर अवसर आनेपर मार्गपर उतरकर लडाई करेंगे । (हिन्दुओंके त्यौहारोंपर प्रतिबंधके विषयमें लडाई करने हेतु सिद्ध भूतपूर्व विधायक श्री. नितीनराजे शिंदेके समर्थनमें हिन्दुओंको अपनी शाqक्त खडी करनी चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) इस अवसरपर मनसे महिला दलकी अधिवक्ता (श्रीमती) स्वाती शिंदे, नगरप्रमुख श्री. आदित्य पटवर्धन तथा अन्य लोग उपस्थित थे ।
श्री. नितीनराजे शिंदेने कहा…
१. आचारसंहिताकी कालावधिमें बार-बार धारा ३७ (१) का भय दिखाया जाता है; परंतु धारा ३७ (१) धार्मिक बातोंके लिए नहीं है, ऐसा न्यायालयद्वारा स्पष्ट रूपसे कहा गया है ।
२. सांगलीमें १५० वर्षोंसे अधिक समयसे गणेशोत्सवकी परंपरा है; परंतु आचारसंहिताका भय दिखाकर मंडलोंको अभी से बिजलीसे जोडना, ध्वनिक्षेपकके लिए अनुज्ञप्ति, मंडप खडा करने जैसे अन्य प्रत्येक विषयमें प्रशासन अडचनें उत्पन्न कर रहा है ।
३. इस प्रकारसे प्रशासनद्वारा गणेश मंडलोंपर दबावतंत्रका उपयोग किया गया, तो उसका उद्रेक होगा एवं कानून तथा सुरक्षाका प्रश्न उत्पन्न हुआ, तो उसका सर्व दायित्व प्रशासनपर होगा ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात