भाद्रपद कृष्ण पक्ष दशमी, कलियुग वर्ष ५११६
बंगालके ऐसे सक्रिय हिन्दूनिष्ठ ही वहांके पीडित हिन्दुओंके आशास्रोत !
कोलकाता : आर्य प्रतिनिधि सभा, बंगाल, इस संगठनके नेतृत्वमें ६ सदस्यीय शिष्टमंडलने बंगालके राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठीसे भेंट कर उन्हें हिन्दुओंकी विभिन्न मांगोंका निवेदन प्रस्तुत किया । इस शिष्टमंडलमें विख्यात पुरोहित श्री. श्रीकांत बालव्यास, आर्य प्रतिनिधि सभाके सचिव श्री. दीनदयाल गुप्त, आर्य प्रतिनिधि सभाके पुरोहित श्री. योगेश शास्त्री, मारवाडी सहायता संस्थाके श्री. गोविंद राम अगरवाल (धनावाले), गो-गंगा रक्षक श्री. प्रह्लाद गोयंका तथा हिन्दू एक्जिस्टेन्स जास्थलके संपादक उपानंद ब्रह्मचारी सम्मिलित हुए थे ।
इस निवेदनमें निम्ननिर्देशित मांगें समाविष्ट थीं ।
१. बंगालकी गोहत्यापर प्रतिबंध लगाकर गोरक्षा करना ।
२. कोलकाता उच्च न्यायालयके निर्णयानुसार इमाम तथा मुज्जीनके मानधनपर प्रतिबंध लगाना ।
३. हिन्दू महिलाओंके बढते हुए लैंगिक अत्याचारोंपर प्रतिबंध लगाना ।
४. बंगालमें उर्दू भाषाको द्वितीय भाषाका दिया गया स्तर निरस्त कर संस्कृत एवं हिन्दी भाषाको आदरका स्थान प्राप्त कर देना
राज्यपालने शिष्टमंडलका वक्तव्य सुनकर उन्हें यह आश्वासन दिया कि राज्यशासनके साथ विचारविमर्श कर कार्रवाई करेंगे ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात