भाद्रपद कृष्ण पक्ष दशमी, कलियुग वर्ष ५११६
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शिवसेनाके विरोधके पश्चात विद्यालय व्यवस्थापनद्वारा शिक्षिकाको आई समझ
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क्या किसी उर्दू विद्यालयमें श्री गणेश चतुर्थीके निमित्त नामजप किया गया कभी सुनाई दिया है ?
पुणे (महाराष्ट्र) : रमजान ईदके दिन वहांके हिन्दुओंके एक विद्यालयमें धर्मांध शिक्षिकाद्वारा विद्यार्थियोंको बलपूर्वक नमाजपठन कराए जानेकी संतापजनक घटना हुई । इस शिक्षिकाने सभी विद्यार्थियोंको गोल टोपी भी पहनकर आने कहा था । (आजतक के सर्वपक्षीय राजनेताओंद्वारा की गई धर्मांधोंकी चापलूसीके कारण ही उद्दंड हुए धर्मांध इस प्रकारसे एक हिन्दुओंके विद्यालयमें छिपी पद्धतिसे धर्मांधोंकी नीति अपनाते हैं । इस स्थितिमें परिवर्तन करने हेतु ‘हिन्दू राष्ट्र’ ही चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
इसकी जानकारी मिलते ही शिवसैनिकोंने आंदोलनकी भूमिका अपनाई । उन्होंने विद्यालयके प्रबंधनको फटकारा । (धर्मके लिए तत्परतासे कृत्य करनेवाले शिवसैनिकोंका अभिनंदन ! हिन्दुओ, शिवसैनिकोंका आदर्श लेकर धर्मरक्षाके लिए सक्रिय हों ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) तदुपरांत प्रबंधनद्वारा कथित शिक्षिकाको मौखिक रूपसे समझाकर विद्यालयमें पुनः ऐसी घटना न होनेका आश्वासन दिया है । (इस प्रकार मौखिक रूपसे समझाकर क्या कभी ऐसे अपराधको क्षमा करना संभव है ? किसी भी धर्मांधको इस प्रकारका कृत्य करनेका विचार ही मनमें न आए, ऐसा दंड उन्हें देना चाहिए ! प्रसारमाध्यम इस विषयमें मौन क्यों हैं ? ऐसे कथित सर्वधर्म समभाव संजोनेवाले प्रसारमाध्यमोंपर हिन्दुओंका बहिष्कार ही करना चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात