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जिहादीयोंद्वारा बांग्लादेश के राजबारी जिले में मंदिर की प्राचीन मूर्ति एवं बहुमूल्य वस्तुओंकी चोरी !

बांग्लादेश में श्रीकृष्ण के ३०० वर्ष पुराने ‘श्री राधानाथ मंदिर’ में मूर्ति की चोरी !

  • बांग्लादेश में हिन्दुओंपर बढते आक्रमण का और एक उदाहरण !

  • तथाकथित धर्मनिरपेक्षता की दृष्टि से हिन्दुओंपर होनेवाले आक्रमणोंको देखने में असमर्थ प्रसारमाध्यमोंका जितना भी निषेध करें, न्यून है !

ढाका (बांग्लादेश) : बांग्लादेश के राजबारी जिले में श्रीकृष्ण का ३०० वर्ष पुराना ‘श्री राधानाथ मंदिर’ है। उस क्षेत्र में यह मंदिर प्रसिद्ध है एवं चट्टोपाध्याय हिन्दू परिवार के स्वामित्व में है। हाल ही में इस मंदिर में देवता की मूर्ति तथा अन्य बहुमूल्य वस्तुओंकी चोरी हुई इै।

इस मंदिर में चोरी की यह घटना कोई नई बात नहीं है !

१. वर्ष १९९४ में इस मंदिर में श्रीकृष्ण की ३०० वर्ष पुरानी मूर्ति की चोरी हुई थी। इस विषय में चट्टोपाध्याय परिवारद्वारा परिवाद एवं मूर्ति पुनः प्राप्त करने हेतु अत्यधिक प्रयास करने पर भी कुछ लाभ नहीं हुआ !

२. तत्पश्चात इस परिवार ने दूसरी मूर्ति बना कर उसकी स्थापना की। वर्ष २००४ में इस मूर्ति की भी चोरी हो गई !

३. २००५ में पुनः नई मूर्ति की स्थापना की गई। जून २०१५ में मंदिर के लोहे एवं शीश के किवाड तोड कर चोरों ने मंदिर में प्रवेश किया एवं मंदिर के सुवर्ण एवं चांदी के आभूषण चुरा ले गए !

४. जुलाई २०१५ में पुनः चोरोंने लोहे के छडोंको तोड कर परिवार के निवासस्थान में प्रवेश किया एवं घर की मूल्यवान वस्तुएं एवं दो दुपहिये चुराकर ले गए !

५. चट्टोपाध्याय परिवार के श्री. द्वीपेंद्रनाथ चट्टोपाध्याय ने सभी को उनके परिवार पर हुए इस अन्याय की जानकारी हो, इस हेतु ९ फरवरी को बांग्लादेश शासन एवं अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को एक पत्र लिखा !

६. उनकी जानकारी के अनुसार चोरी की घटनाओंके पीछे परिवार का मानसिक खस्सीकरण करने का षडयंत्र है। उन्हें जीवित मारने की धमकियां भी दी जा रही हैं !

७. श्री. द्वीपेंद्रनाथ ने स्पष्ट किया है कि, इस प्रताडना के पीछे उद्देश्य यह है, कि वे त्रस्त होकर घर छोड चले जाएं, जिस से उनकी संपत्ति का गबन करना संभव हो !

८. इस षडयंत्र के पीछे उन्होंने राजनीतिक नेताओंके हाथ होने का संदेह भी व्यक्त किया है !

९. इस प्रकरण में परिवार के सदस्योंने स्थानीय सांसद जुलुल हकीम एवं प्रधानमंत्री के कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी से भेंट कर उन्हें ज्ञापन दिया है।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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