भाद्रपद कृष्ण पक्ष दशमी, कलियुग वर्ष ५११६
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जम्मू : हम आह भी भरते हैं तो हो जाते हैं बदनाम, वह कत्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होती..। कुछ ऐसा ही हाल घाटी में कश्मीरी हिंदुओं की वापसी के संकेत के साथ शुरू हो गया है। मोदी सरकार के सत्ता में आते ही कश्मीरी हिंदुओं की वापसी की घोषणा से छटपटाए अलगाववादी उनकी वापसी की प्रक्रिया में अड़चनें डालने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं।
हाल ही में कश्मीरी हिंदुओं के धार्मिक स्थल कौसरनाग में रातोंरात प्रशासन की नाक तले मस्जिद खड़ी कर कब्जा जमाने का प्रयास इसका पुख्ता प्रमाण है। पनुन कश्मीर के कनवीनर डॉ. अग्निशेखर ने कौसरनाग में बनाई गई मस्जिद को कश्मीर के तालीबानीकरण का उदाहरण दिया है।
पाक की शह पर कश्मीर का तालीबानीकरण करने वाले अलगाववादियों ने कश्मीरी हिंदुओं की वादी में वापसी का विरोध अमरनाथ यात्रा, कौसरनाग यात्रा, क्षीरभवानी मंदिर पर पथराव कर दिया है। उन्होंने इसे पर्यावरण व पर्यटन स्थल के रूप में पेश कर यात्रा का विरोध किया।
सदियों से कश्मीरी हिंदुओं की आस्था का प्रतीक कौसरनाग पर मुस्लिम कट्टरपंथियों के जबरन कब्जे से अलगाववादी नेता सईद अली शाह गिलानी, यासीन मलिक व शब्बीर शाह के मंसूबे सामने आने लगे हैं जो कश्मीरी हिंदुओं की वापसी के विरोध का संदेश देते हैं।
वादी में धार्मिक स्थलों पर अवैध कब्जों की जांच की मांग कर रहे एपीएमसीसी के चेयरमैन विनोद पंडित ने कहा कि कौसरनाग यात्रा को रोक कर प्रशासन की नाक तले कट्टरपंथियों को मस्जिद बनाने की अनुमति देना इसका पुख्ता सुबूत है कि जानबूझ कर मुस्लिमों को कब्जा करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। चंद युवाओं ने रात में मस्जिद बनाकर नमाज अता की। उन्होंने धार्मिक तौर-तरीकों को भी नहीं अपनाया। उन्होंने धार्मिक स्थलों पर अवैध कब्जों की जांच की मांग उठाई।
विनोद पंडित ने कहा कि कौसरनाग में मस्जिद का बनाया जाना कश्मीरी हिंदुओं की वापसी को लेकर मोदी सरकार के प्रयासों को भी धक्का है। सरकार को कश्मीरी हिंदुओं की वापसी तय करने के लिए कश्मीरी हिंदू नुमाइंदों और केंद्र सरकार के नुमाइंदों की नेशनल अपेक्स कमेटी का गठन करना आवश्यक है।
पंडित नेता हीरा लाल भट्ट ने भी कौसरनाग धार्मिक स्थल पर मुस्लिमों द्वारा बनाई गई मस्जिद को अलगाववादियों की शरारत बताया। उनके इस रवैये से कश्मीरी हिंदुओं की वापसी को धक्का लगा है। उन्होंने कहा कि अब वह लोग कहां हैं, जो पर्यटन स्थल का नाम लेकर कौसरनाग यात्रा का विरोध कर रहे थे।
नंगे सिर नमाज अता करने की निंदा
मुस्लिम धार्मिक संगठन अंजुमन-मिनहाज-ए-रसूल के चेयरमैन मौलाना सईद अथर हुसैन देहलवी ने नंगे सिर नमाज अता करने वाले कट्टरपंथियों के मंसूबों की निंदा की। मौलाना देहलवी का कहना है हर समुदाय के लोग अपनी आस्था के मुताबिक पूजा-अर्चना करते हैं। वह चाहे हिंदू धर्म हो या इस्लाम या फिर सिख। सभी आस्था के साथ धार्मिक स्थल पर सिर ढक कर पूजा करते हैं। बिना सिर ढके पूजा करने वाले लोगों की आंखों में धूल झोंक रहे हैं।
स्त्रोत : जागरण