भाद्रपद कृष्ण पक्ष एकादशी, कलियुग वर्ष ५११६
वारकरियोंको रोककर अपने मतदातासंघके २ सहस्र लोगोंको लेकर कर सीधा दर्शन किया !
पंढरपुर : राज्यके जलसंपदामंत्री हसन मुश्रीफने उनके कागल विधानसभा मतदारसंघके लगभग २ सहस्र मतदाताओंको पांडुरंगका दर्शनकरने हेतु मंत्रीपदका अनुचित लाभ उठाकर विशेष प्रबंध किया था । इस बातसे वारकरियोंको हानि पहुंची । उन्हें पांडुरंगके दर्शनके लिए अधिक समयतक प्रतीक्षा करनी पडी । ( इस प्रकार अन्याय करनेवाले राजनेता प्रदान करनेवाला जनतंत्र इसी कारण ही निरर्थक सिद्ध हुआ है । इस स्थितिमें परिवर्तन लाने हेतु हिन्दू राष्ट्रकी स्थापना अनिवार्य है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) मुश्रीफके इस अशोभनीय व्यवहारके कारण वारकरी संतप्त हुए ।
१. पांडुरंगका दर्शन प्राप्त करने हेतु मुश्रीफको शिष्टाचारका पालन करना अपेक्षित था; किंतु उन्होंने पंक्तिमें खडे रहनेकी अपेक्षा मंदिर समितिके कर्मचारियोंको बताकर सभीको त्वरित दर्शन प्राप्त करवा दिया । ( सत्ताके अधिकारका अनुचित लाभ उठाकर श्रद्धालुओंपर अन्याय करनेवाले राजनेता ! – संपादक )
२. १८ अगस्तके दिन श्रावणी सोमवार होनेके कारण मंदिरमें श्रद्धालुओंकी भीड अधिक मात्रामें थी । मंदिर समितिके कर्मचारियोंके लिए उसपर नियंत्रण करना कठिन हो रहा था । किंतु उसमें ही मुश्रीफद्वारा लाए २ सहस्र मतदाताओंके कारण भीडकी संख्यामें अधिक वृद्धि हुई ।
३. मंदिर समितिने मुश्रीफसे ओर विनती की कि वीवीआईपीके रूपमें मंदिर समितिद्वारा विशेष प्रबंध होनेके कारण कुछ निश्चित लोगोंको ही लेकर आईए । किंतु उन्होंने यह बात अस्वीकृत की । अतः अंतमें लाचार होकर मंदिर समितिके कर्मचारियोंने मुश्रीफ तथा २ सहस्र मतदाताओंको सीधा गर्भागृहमें दर्शन करने हेतु भेज दिया ।
४. आजतकके मंदिर समितिके इतिहासमें एक ही समय इतनी संख्यामें वीआईपीको दर्शन प्राप्त करनेकी पहली ही घटना होनेके कारण मंदिर समितिके कर्मचारीसे नाम न बतानेकी प्रतिज्ञा करवायी गई । ( स्वार्थ हेतु नियमोंका उल्लंघन करनेवाले जनप्रतिनिधि जनतापर क्या अनुशासन लगाएंगे ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात