हिन्दुओंकी संघटित शक्ति का परिणाम !
हिन्दुओ, भगवा ध्वज फहराने के लिए संघर्ष करना पडता है, इससे ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करने की अपरिहार्यता ध्यान में आती है !
संभाजीनगर (महाराष्ट्र) : यहां के शेंदुरवाडा गांव के बाजारपेठ में भवानीमाता के मंदिर के समक्ष खुली भूमि पर यहां के हिन्दू युवकोंद्वारा १८ फरवरी को फहराया गया भगवा ध्वज पुलिसद्वारा निकाला गया था; परंतु पुनः १९ फरवरी को संघर्ष कर शिवसैनिक एवं स्थानीय हिन्दू युवकोंने उसे फहराया !
१. मंदिर के सामने खुली जगह पर भगवा ध्वज फहराता हुआ देख कर मुसलमानोंने पुलिस में परिवाद प्रविष्ट किया।
२. सवेरे ११ बजे पुलिस ने यहां आकर हिन्दू एवं मुसलमानोंके प्रतिनिधियोंके साथ विचार-विमर्श किया।
३. तदुपरांत पुलिसद्वारा उस स्थल को ‘अतिक्रमित’ सिद्ध कर ध्वज निकाल दिया गया !
४. पुलिसद्वारा ध्वज लगाने की अनुमति अस्वीकार करने के कारण हिन्दू संतप्त हुए। तत्पश्चात युवकोंने ध्वज उसी स्थान पर फहराने का ठोस निश्चय किया !
५. इस पर पुलिसद्वारा ४५ हिन्दू युवकोंको नियंत्रण में लिया गया।
६. इस संदर्भ में पता लगते ही शिवसेना के जिलाप्रमुख श्री. अंबादास दानवे ने पुलिस के साथ मध्यस्थी कर इन युवकोंको मुक्त कराया एवं पुलिस से कहा कि, उन पर अकारण अपराध प्रविष्ट न करें ! (शिवसेना सदैव हिन्दुओंके पक्ष में निश्चित रूप से खडी रहती है; इसलिए हिन्दुओंको शिवसेना का आधार प्रतीत होता है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
७. १९ फरवरी को श्री. दानवे ने हिन्दू युवकोंके साथ भगवा ध्वज फहराने का नियोजन किया।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात