मंदिर सरकारीकरण के दुष्परिणाम !
-
देवी के ‘भक्तोंने’ प्रसाद बनाना चाहिए, यह भी समझ में न आनेवाला प्रशासन एवं देवस्थान समिति !
-
हिन्दुओं, मंदिर सरकारीकरण के दुष्परिणाम को जानें एवं इस स्थिति को परिवर्तित करने हेतु शासन से मंदिरोंको भक्तोंके नियंत्रण में देने का आग्रह करें !
कोल्हापुर (महाराष्ट्र) : जिला प्रशासन एवं पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान व्यवस्थापन समिति यहां के श्री महालक्ष्मी मंदिर में भक्तोंको दिए जानेवाले प्रसाद के लड्डू बनाने की सेवा वहां के कळंबा कारागृह की महिला कैदियोंको देने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है ! (देवी के ‘भक्तोंने’ प्रसाद बनाना चाहिए, यह भी समझ में न आनेवाला प्रशासन एवं देवस्थान समिति ! जिस भाव से भक्त प्रसाद बनाएंगे, क्या उस भाव से कैदी महिलाएं कभी प्रसाद बना पाएगी ? श्रद्धालुओंको ‘ऐसे’ प्रसाद का कैसे लाभ होगा ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
कोल्हापुर के जिलाधिकारी एवं समिति के अध्यक्ष डॉ. अमित सैनी ने इस संदर्भ में कारागृह अधिकारियोंसे विचार-विमर्श किया है।
कळंबा कारागृह में ५० महिला कैदी हैं। शिक्षा के समय में उन्हें स्थाई रूप से रोजगार उपलब्ध होने की दृष्टि से डॉ. सैनी ने दायित्व लिया है। श्री महालक्ष्मी मंदिर में प्रसाद हेतु प्रतिदिन तीन सहस्र से अधिक लड्डू की आवश्यकता होती है। त्यौहार के समय एवं नवरात्रि में यह संख्या दस सहस्र से भी अधिक होती है !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात