इस्लामी राष्ट्र पाकिस्तान में यदि जिहादी मदरसोंपर कार्यवार्इ होती है, तो भारत में भी आतंकवाद को बढावा देनेवाले मदरसों को बन्द करने की कार्यवार्इ शुरु हो, एेसी जनता की अपेक्षा है – सम्पादक, हिन्दूजागृति
इस्लामाबाद – पाकिस्तान ने आतंक की कक्षा चलाने वाले २५० से अधिक मदरसों पर ताले जड दिए हैं। यह जानकारी पाकिस्तान सरकार ने बुधवार को संसद को दी। सरकार यह कार्रवाई ७ जनवरी २०१५ से १६ फरवरी २०१६ के बीच की है।
पाकिस्तान के गृहराज्य मंत्री और मादक पदार्थ नियंत्रण मंत्री बलीघुर रहमान ने बताया कि, संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त १०७ मदरसों को सिंध में, १३ मदरसों को खैबर पख्तूनख्वा में और दो मदरसों को पंजाब प्रांत में बंद कराया गया है। इनके अलावा सिंध में बिना पंजीकरण के चल रहे ७२ मदरसों को भी बन्द किया है। उन्होंने कहा कि, राष्ट्रीय कार्ययोजना के अंतर्गत यह कार्रवाई जातीय संघर्ष को रोकने के लिए की गई है।
रहमान ने बताया कि, सरकार द्वेष फैलाने वाले भाषण और चरमपंथी साहित्य के प्रकाशन को भी रोकने के लिए कडे उपाय कर रही है। रहमान ने बताया कि १६ फरवरी तक २४७१ प्रकरण प्रविष्ट किए गए हैं। २३४५ संदिग्धों को बन्दी बनाया गया। चरमपंथियों को वित्तीय मदद पहुंचाने के आरोप में ७३ दुकानों या व्यापारिक प्रतिष्ठानों को सील किया गया है।
लाउड स्पीकरों पर भी सख्ती
पाक गृह राज्यमंत्री ने कहा कि, सरकार मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकरों के दुरुपयोग से सख्ती से निपट रही है। उन्होंने कहा कि लाउडस्पीकर का दुरुपयोग कर भडकाऊ भाषण देने के आरोप में ९९४५ मामले प्रविष्ट किए गए हैं। १०,१७७ लोगों को बन्दी बनाया गया है, जबकि २६६४ लाउड स्पीकर जब्त किए गए है। वहीं लाल मस्जिद के मौलवी अब्दुल अजीज के भडकाऊ भाषणों के बारे में पूछे प्रश्न पर उन्होंने कहा कि कानून के अनुरूप कार्रवाई होगी।
हर मदरसे की होगी जांच
पाकिस्तान सरकार प्रत्येक मदरसे की जांच कर रही है। मंत्री ने बताया कि, मदरसों के दस्तावेजों की जांच की जा रही है। उनकी गतिविधियों पर सरकार की कडी नजर है। इस्लामाबाद और पंजाब के सभी मदरसों के सत्यापन का काम पूरा हो चुका है। वहीं सिंध में ८० प्रतिशत मदरसों का सत्यापन हो चुका है। इसी प्रकार खैबर पख्तूनख्वा में ७५ प्रतिशत और बलूचिस्तान में ६० प्रतिशत मदरसों का सत्यापन कार्य पूरा हुआ है। रहमान ने बताया कि देश में १९० विदेशी मदरसे चल रहे हैं। इनमें से १४७ मदरसे पंजाब प्रांत में है।
सख्त कानून पर विचार
पाक सरकार के अनुसार, वह इलेक्ट्रॉनिक अपराध निषेध विधयेक लाने की तैयारी कर रही है। इसमें जातीय हिंसा, चरमपंथ और हिंसा फैलाने वाली सामग्री प्रकाशित करने या वितरण करने पर कडी सजा का प्रवाधान होगा। नए कानून के दायरे में जिहादी साहित्य के लेखक, प्रकाशक और विक्रेता भी सम्मिलित होंगे। साथ ही सरकार पाठ्यक्रमों में आपत्तिजनक सामग्री को हटाने का भी प्रयास करेगी।
स्त्रोत : लाइव्ह हिन्दुस्थान