श्रावण शुद्ध १०, कलियुग वर्ष ५११४
मुंबई, – ‘यमाई पिक्चर्स’का श्रीमती शामल परब निर्मित तथा सर्वेश परब निर्देशित ‘सत्य, सावित्री आणि सत्यवान’ इस मराठी चित्रपटके कुछ दृश्य जालस्थलपर प्रदर्शित किए गए हैं । चित्रपटके प्रसंग अथवा गाने किसी भी प्रकारसे हिंदू धर्मके आदर्श तथा पूजनीय व्यक्तित्व ‘सावित्री एवं सत्यवान’से संबंधित नहीं है । फिर भी इस चित्रपटका शीर्षक ‘सत्य, सावित्री आणि सत्यवान’ ऐसा दिया गया है । यह शीर्षक हिंदुओंकी धर्मश्रद्धाओंका अपमान करनेवाला है। इस कारण हिंदू जनजागृति समितिके मुंबई, ठाणे तथा रायगड जनपद समन्वयक श्री. शिवाजी वटकरने केंद्रीय चित्रपट परिनिरीक्षण मंडलको इस चित्रपटका प्रमाणपत्र निरस्त करनेकी मांग संपत्र भेजकर की है । श्री. वटकरजीने इस पत्रमें कहा है कि, सत्यवान-सावित्री जैसे आदर्श ही समाजको तारनेवाले हैं । इन आदर्शोंका अपमान यह कलाकी दृष्टिसे ही नहीं अपितु सामाजिक दृष्टिसे भी हानिकारक है । ऐसा होते हुए भी सावित्री और सत्यवान इन नामोंका उपयोग कर चित्रपटमें अनैतिकता दिखानेका अर्थ हिंदु धर्मके धर्मग्रंथोंका, पूजनीय तथा आदर्र्श व्यक्तित्वका अनादर करना है । इस कारण हिंदुओंकी भावनाएं पैरोंतले रौंदी जा रही हैं । उक्त कारणोंसे ‘सत्य, सावित्री आणि सत्यवान’ इस चित्रपटका प्रमाणपत्र निरस्त किया जाए अथवा उसका आपत्तिजनक नाम हटाकर ही चित्रपट प्रदर्शित करनेकी अनुमति दी जाए, यह हमारी मांग है । अन्यथा इस चित्रपटके विरोधमें वैधानिक रूपसे तीव्र आंदोलन किया जाएगा । चित्रपटका संबंध सत्यवान तथा सावित्रीसे न होने संबंधी तलपट्टी चित्रपटमें दिखानेका निर्देशकद्वारा स्वीकार हिंदू जनजागृति समितिके मुंबई विभाग समन्वयक श्री. शिवाजी वटकरजीने निर्देशक सर्वेश परबको दूरध्वनि कर चित्रपटका नाम परिवर्तित करनेकी मांग की है ।
चित्रपटका नाम परिवर्तित करनेकी हिंदू जनजागृति समितिकी मांग
‘सत्यवान-सावित्री’ इस नामके कारण हिंदुओंकी धार्मिक भावनाओंको ठेस पहुंची है तथा इस चित्रपटमें महिलाओंके अनैतिक संबंध दिखाकर उनका अनादर होने संबंधी बताया गया । परबजीने सर्व मान्य किया तथा कहा कि चित्रपट आज प्रदर्शित हो रहा है । एक सप्ताहपूर्व कहा होता, तो ऐसा करना संभव होता । अब नाम परिवर्तित करनेपर चित्रपट परिनिरीक्षण मंडलसे प्रमाणपत्र लेना पडेगा । उन्होंने निवेदन किया इसके स्थानपर अन्य कोई मार्ग निकाला जाए । इसपर श्री. वटकरजीने कहा कि, आप तत्काल आप सर्व हिंदुओंकी धार्मिक भावनाओंको ठेस पहुंचाने तथा महिलाओंका अपमान करनेके संबंधमें सार्वजनिकरूपसे तथा बिनाशर्त क्षमायाचना करें । चित्रपटके प्रारंभमें एक ‘स्लाईड’द्वारा अथवा तलपट्टीद्वारा सूचित करें कि, इस चित्रपटके नामका तथा हिंदू धर्मके पुराणोंमें वंदनीय सत्यवान तथा सावित्रीका संबंध नहीं है । समाचारपत्रोंमें दिए गए चित्रपटके विज्ञापनोंमें तथा प्रसिद्धिपत्रक प्रकाशित कर क्षमा मांगी जाए, अन्यथा इस चित्रपटके विरोधमें आंदोलन किया जाएगा, ऐसी चेतावनी दी गई । इस पर श्री. परबने संगणकीय पत्रव्यवहार कर हिंदू जनजागृति समितिकी मांगें पूर्ण करनेका आश्वासन दिया है । जब तक चित्रपट निर्माता-निर्देशकद्वारा योग्य कार्यवाही नहीं होती, तबतक हिंदू इस चित्रपटका विरोध करेंगे, ऐसा परबको बताया गया ।
स्त्रोत – दैनिक सनातन प्रभात