बरेली : दरगाह आला हजरत मदरसे ने टाई के विरूद्ध एक फतवा जारी करते हुए, इसे गैर-इस्लामिक बताया है। फतवे में कहा गया है कि, टाई की आकृति ईसाई धर्म से जुडे क्रॉस के प्रतीक जैसी है। जब टाई को गले में पहनकर गांठ बनाई जाती है, तो इसकी आकृति क्रॉस जैसी हो जाती है। फतवे में मुसलमानों को टाई ना बांधने का उपदेश देते हुए कहा गया है कि, ‘गैर मुसलमानों के प्रतीकों को ना अपनाएं।’
मौलाना मुहम्मद शहाबुद्दीन रिजवी द्वारा टाई बांधने से जुड़ा एक प्रश्न किया गया था। इसके उत्तर में मुफ्ती आजम हिंद अलामा अख्तर रजा खान अजहरी ने टाई बांधने को गैर-इस्लामिक बताया। फतवे में कहा गया है, ‘ईसाई मान्यता के अनुसार, क्रॉस उस रचना का प्रतीक है जिसपर ईसा को सूली चढ़ाया गया था। यह आकृति दुर्भाग्य से बचाने वाला समझा जाता है। ईसाई इस क्रॉस के प्रतीक को बरकत और समृद्धि का वाहन भी मानते हैं।’
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स