भाद्रपद शुक्ल पक्ष प्रतिपदा, कलियुग वर्ष ५११६
इस प्रकार पागलपनका बहाना करनेवाला अल्पसंख्यक आयोग क्या कभी हिन्दुओंकी धर्मभावनाओंका आदर कर सकता है ?
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मोहसीन शेखके घरमें अल्पसंख्यक आयोगके अधिकारीसे भेंट
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पिताजीद्वारा हिन्दू राष्ट्र सेनापर पाबंदी डालनेकी मांग
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अल्पसंख्यक आयोगद्वारा इस प्रकारकी भेंट क्या कभी कश्मीरके हिन्दुओंसे की जाती ?
पुणे (महाराष्ट्र) – फेसबुकपर हिन्दू देवता एवं राष्ट्रपुरुषोंका अनादर होनेके पश्चात जनक्षोभ हुआ । उसमें हत्या हुए मोहसीन शेखके घरमें २५ अगस्तको अल्पसंख्यक आयोगके अधिकारी कैप्टेन प्रवीण डावर तथा शानू सिंहसे भेंट की । तदुपरांत पत्रकार परिषदमें उन्होंने वक्तव्य दिया कि लव जिहादके संदर्भमें हमें जानकारी ही नहीं है । (लव जिहादने केरळ, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, इन राज्योंमें तूफान उत्पन्न किया है । कल ही राष्ट्रीय लक्ष्यबेधी(निशानेबाज) तारा शाहदेवके संदर्भमें घटी लव जिहादकी घटना विश्वके सामने प्रकाशित हुई । विदेशमें भी लव जिहादके विरोधमें शासकीय स्तरपर प्रयास आरंभ हैं । ऐसा होते हुए भी उस संदर्भमें अनभिज्ञता दर्शानेवाला यह अल्पसंख्यक आयोग क्या कभी निःपक्षपाती भूमिका अपना सकता है ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
अल्पसंख्यक आयोगके अधिकारीने मोहसीन शेखके पिताके साथ पत्रकार परिषदका आयोजन किया । (अल्पसंख्यक आयोगने कश्मीरके समान क्षेत्रमें निवास करनेवाले हिन्दुओंके साथ क्या कभी इस प्रकार पत्रकार परिषदका आयोजन किया है ? जातिवादका पालन करनेवाला यह अल्पसंख्यक आयोग नष्ट ही करना चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
उस समय अधिकारीने यह वक्तव्य दिया कि…
१. हमने मोहसीनके घरवालोंके साथ स्थानीय मुसलमानोंसे भेंट की ।
२. उन मुसलमानोंके प्रतिनिधिने बताया कि पुणेमें ऐसा कभी नहीं घटा था, हिन्दू-मुसलमान प्यारसे रहते थे; किंतु इस दुर्घटनाका कारण क्या है, इस बातका अभीतक पता नहीं चला ।
मोहसीनके पिताजीने वक्तव्य दिया कि…
१. शासनने अभीतक हमें केवल ५ लक्ष रुपए दिए हैं; किंतु हमारे परिवारमेंसे किसीको शासकीय नौकरी देनेके संदर्भमें कुछ भी वक्तव्य नहीं दिया । (इतनी अल्पावधिमें क्या कभी हिन्दुओंको हानिपूर्ति प्राप्त हुर्ई है ? उस हिंसाकी कालावधिमें ही धर्मांधोंने तिकोने उपनामके हिन्दूकी पिटाई की; किंतु राज्यशासनद्वारा उसे किसी भी प्रकारकी हानिपूर्ति प्राप्त नहीं हुई । हानिपूर्तिके संदर्भमें इस प्रकारका दूजा भाव रखनेवाले राजनेताओंको हटाना ही चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
२. हमारी मांगें ऐसी हैं कि मोहसीनकी हत्याके परिवादमें बंदी बनाए गए हिन्दू राष्ट्र सेनाके कार्यकर्ताओंपर मोक्का (संगठित अपराध) लगाना चाहिए तथा इस संगठनपर पाबंदी डालनी चाहिए । (इससे धर्मांधोंकी कट्टरता ध्यानमें आती है । पुत्रकी हत्या हुई, उसके संदर्भमें अपराधियोंपर अभीतक याचिका भी प्रविष्ट नहीं हुई है; किंतु इस प्रकारकी मांग कर शेख एक प्रकारसे पुलिस तथा न्यायतंत्रपर दबाव डाल रहे हैं । यदि ऐसा वक्तव्य दिया जाए, तो उसमें अनुचित क्या है ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात