सऊदी अरब – नास्तिक ट्विट पर कोडे और दस वर्ष लम्बी कैद। भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर लोग कुछ भी बोल लेते हैं। सहिष्णु असहिष्णु हो जाते हैं। अपने धर्म को भी कोसते रहते हैं किंतु इस देश में ऐसा नहीं है । ट्विटर पर कुछ संदेश प्रसारित करने वाले को एेसी सजा दी जाती है कि, कोई भी दोबारा ऐसा प्रयास नहीं करेगा।
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि, सऊदी अरब के एक न्यायालय ने ट्विटर पर सैकडों नास्तिक होने की पोस्ट डालने के लिए एक व्यक्ती को २००० कोडों और दस वर्ष की सजा दी है। समाचार के अनुसार सऊदिया में धार्मिक पुलिस को सोशल नेटवर्क्स की निगरानी के लिए भी जिम्मेदार माना जाता है। पुलिस ने एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा बनाये गए पेज पर करीब ६०० ट्विट पाए।
नास्तिक ने नहीं मानी अपनी गलती
अलवतन आॅनलाइन डेली के अनुसार यूजर ने स्वयं की मौजूदगी को मानने से इनकार किया। कुरान की आयतों का उपहास किया। सभी पैगम्बरों को झूठा करार दिया और कहा कि, उनकी शिक्षाओं के माध्यम से शत्रुता बढी है । २८ वर्षीय इस व्यक्ती ने अपने नास्तिक विचारों को स्वीकार किया और पश्चाताप करने से इनकार कर दिया। उसने कहा कि ट्विट्स उसके विचार हैं और उसे इन्हें व्यक्त करने का अधिकार है।
इस पर इस व्यक्ती को १० वर्ष की कैद और २ हजार कोडे मारे जाने की सजा दी गई। इसके साथ ही वह ३८ लाख रुपए का जुर्माना भी देगा।
सऊदी अरब को कठोर इस्लामी कानूनों के लिए जाना जाता है। यहां शरिया प्रणाली भी लागू है।
इसी दिसम्बर में धार्मिक पुलिस ने एक अन्य व्यक्ती को सार्वजनिक स्थान पर महिलाओं के कपडे पहनने के आरोप में गिरफ्तार किया था। सऊदी अरब में इन सब पर रोक है। और इस तरह की हरकतों पर छह माह तक की सजा भी हो सकती है। या सार्वजनिक स्थान पर कोडे भी लगाए जा सकते हैं।
स्त्रोत : पुरी खबर