पाकिस्तान स्थित पंजाब विधानसभा में महिलाओं पर होने वाली हिंसा को रोकने के लिए एक बिल प्रस्तुत किया गया है। समाचार के अनुसार २४ फरवरी को पारित हुए इस बिल को मौलवियों ने इस्लाम के विरूद्ध बताया है।
इस बिल की सहायता से पहली बार पाकिस्तान में महिलाओं को कानून का समर्थन मिल सका है। इस बिल के अनुसार महिलाएं अब घरेलू हिंसा, आर्थिक और मानसिक तौर पर होने वाली प्रताडना के साथ ही साइबर अपराध जैसे मामलों में कानून की सहायता ले सकेंगी।
समाचार के अनुसार हर जिले में मौजूद एक समिती उनके विरूद्ध होने वाले अपराधों पर नजर रखेगी और केस की छानबीन करेंगी। इसके साथ साथ एसिड फेंकने और दूसरे गंभीर अपराधों में दोषियों को एक जीपीएस ट्रैकर पहन कर आने का नियम बनाया गया है। वहीं जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान के अनुसार इस कानून का पश्चिमी संस्कृति से आकर्षित होकर तैयार किया गया है।
स्त्रोत : रिव्होल्ट प्रेस हिन्दी