जिस दिन श्री. थापा एवं उनके मंत्रियोंके ध्यान में आएगा कि, नेपाल को ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित करना ही सभी समस्याओंपर एकमात्र उपाय है, वह सुदिन होगा !
हिन्दुओंके धर्मपरिवर्तन के विषय में भी चिंता व्यक्त !
काठमांडू (नेपाल) : यहां के धनागधी में एक कार्यक्रम में नेपाल के उपपंतप्रधान श्री. कमल थापा ने कहा कि, घटनादत्त अधिकार का उपयोग कर नेपाल में ‘हिन्दुत्व’ को पुनर्जिवित किया जाएगा। उन्होंने ऐसा भी कहा कि, नेपाल में सांस्कृतिक एवं धार्मिक कार्यों में आई शिथिलता दु:खदायी है एवं उस पर उपाय किए जाएंगे !
श्री. थापा के भाषण के कुछ महत्वपूर्ण सूत्र –
१. नेपाल की ९० प्रतिशत से अधिक जनता हिन्दू है, फिर भी उस पर भली-भांति ध्यान नहीं दिया जाता। (उपपंतप्रधान को बड़ी देर से आई हुई, समझ ! पिछले वर्ष संविधान सभा में आयोजित जनमत में ९५ प्रतिशत जनता ने नेपाल को ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित करने के लिये अनुमोदन दिया था ! अतः ऐसी आशा है कि, अब तो श्री. थापा, इस पर विचार करें !- संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) अन्य धर्मियोंको चाहिये कि, वे एक-दूसरे के धर्म का सम्मान कर जीवन में प्रत्येक मार्ग पर सहजीवन का आदर्श स्थापित करें !
२. नेपाल में विदेशी संस्कृति एवं धर्म की वृद्धि के विषय में चिंता व्यक्त कर श्री. थापा ने कहा कि, गरीब नेपाली जनता की ग़रीबी का अनुचित लाभ उठा कर उनका धर्मपरिवर्तन करने के प्रयास चल रहे हैं ! भोली भाली जनता की असहायता का अनुचित लाभ उठानेवालोंपर कार्रवाई की जाएगी ! (क्या भारतीय राजनेता इस से कुछ सीख लेंगे ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात