मतोंकी चापलूसीकी गंदी राजनीतिमें श्रीराम सेनाको बलिका बकरा बनाया गया ! – श्री. रमेश शिंदे, राष्ट्

भाद्रपद शुक्ल पक्ष पंचमी, कलियुग वर्ष ५११६

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पणजी – गोवा क्रॉनिकल संकेतस्थलके संपादकको दिए साक्षात्कारमें हिन्दू जनजागृति समितिके राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदेने अपना मत व्यक्त करते हुए कहा कि गोवामें श्रीराम सेनाने कुछ भी कार्य नहीं किया है । तब भी श्रीराम सेनाके विरोधमें राजनीतिक हेतुसे भयका वातावरण उत्पन्न किया गया है । कुछ राजनीतिज्ञोंने प्रसिद्धिमाध्यमोंकी सहायतासे मतोंकी चापलूसीके लिए मुतालिक, श्रीराम सेना एवं हिन्दू राष्ट्र स्थापना आंदोलनके विषयमें लोगोंके मनमें चूक प्रतिमा उत्पन्न करनेका प्रयास किया । अल्पसंख्यकोंकी चापलूसीके लिए ही मुख्यमंत्री मनोहर पर्रीकरने श्रीराम सेनापर प्रतिबंध लगाया । मुख्यमंत्रीने प्रतिबंध लगाया इस बातका हमें कोई आश्‍चर्य प्रतीत नहीं हुआ, क्योंकि यह स्पष्ट है कि मतोंकी चापलूसीहेतु इस गंदी राजनीतिमें श्रीराम सेनाको बलिका बकरा बनाया गया है । श्री. रमेश शिंदेने संपादकोंको दिए साक्षात्कारमें यह मत श्री. रमेश शिंदेने व्यक्त किया । साक्षात्कारके अन्य सूत्र आगे दिए अनुसार हैं…

पर्रीकरने कांग्रेस समान ही असंविधानिक कार्य किया !

मनोहर पर्रीकर एवं श्री. प्रमोद मुतालिक संघकी मानसिकता रखनेवाले नेता होते हुए भी पर्रीकरको श्रीराम सेना धोखादायी संगठन प्रतीत होना हमें दु:खदायी प्रतीत होता है । क्या पर्रीकर ढोंगी निरपेक्षतावादियोंके (सेक्युलरिजमवालोंके) दबावतंत्रपर बलि चढकर विश्‍व हिन्दू परिषदके प्रवीण तोगाडियापर भी प्रतिबंध लगाएंगे ? श्री. मुतालिकके मूलभूत अधिकार पर्रीकरने छिन लिए हैं । पर्रीकरने कांग्रेस समान ही असंविधानिक कार्य किया है । शहाबानो रोजीr प्रकरणमें कांग्रेसद्वारा असंविधानिक निर्णय लिया गया । भाजपा भी अब कांग्रेसके मार्गपर अग्रेसर हो रही है । श्रीराम सेना अलग संगठन होते हुए भी भारतीय संस्कृतिकी रक्षा एवं हिन्दू राष्ट्र आदि विषयोंपर हिन्दू जनजागृति समितिका श्रीराम सेना एवं श्री. प्रमोद मुतालिकको समर्थन है एवं इसके आगे भी रहेगा ।

पाश्‍चात्त्यीकरणके विरोधमें लडाई करनेसे सामाजिक मित्रताको बाधा कैसे आएगी ? हिन्दू संस्कृतिकी रक्षा करनेसे, पाश्‍चात्त्यिकरणके विरोधमें जनताको जागृत करनेसे तथा लोगोंको भारतकी मूल संस्कृति एवं ज्ञानकी ओर मोडनेसे गोवाकी सामाजिक मित्रताको बाधा उत्पन्न होना कैसे संभव है ? गोवाके एक मंत्रीके बिकिनीपर प्रतिबंध लगानेके वक्तव्यके कारण प्रसिद्धिमाध्यमोंद्वारा बडा कोलाहल मचाया गया । सभी भारतियोंसे मेरा प्रश्‍न है कि आप बिकिनी पहनी हुई आपकी स्री अथवा लडकीके साथ समुद्रतटपर घुमनेके लिए सिद्ध हैं ? ९० प्रतिशत लोग ऐसा नहीं करेंगे, क्योंकि हमारे अंदर भारतीय संस्कृति समाई हुई है । हमारी संस्कृति समाजका भान रखना सिखाती है । हम अपनी संस्कृतिका त्याग कर पाश्‍चात्त्योंका अंधानुकरण क्यों करें ? वर्तमान समयमें युवा पीढी विकृतिपर बलि चढ रही है । ८ वर्षपूर्व पबमें श्रीराम सेनाके कार्यकर्ताओंने जो कुछ धर्मरक्षाका कृत्य किया, इस विषयमें मुतालिकने क्षमायाचना की है । वास्तवमें यह विषय यहींपर समाप्त होना चाहिए था; परंतु वह आगे चालू ही रहा । कर्नाटक महिला आयोगके ब्यौरेमें कहा गया है कि श्रीराम सेनाके कार्यकर्ताओंने जिस पबपर आक्रमण किया था, वहां वेश्या व्यवसाय एवं नशिले पदार्थोंका व्यवसाय ये अनैतिक व्यवसाय चल रहे थे ।

प्रमोद मुतालिक एवं हिन्दुओंको खलनायक सिद्ध करनेवाले तियात्र समाजमें अंतर करनेवाले !

आकांतवादी गोयांत नाका तियात्र निर्माताने राज्यमें अनेक स्थानोंपर तियात्र ऑन मुतालिक, ऐसा लिखे हुए भित्तिपत्रक लगाए हैं । फेसबुकपर भी रखे हैं । तियात्रकारको ऐसा चित्र उत्पन्न करना है कि मुतालिक आतंकवादी हैं । मुतालिक आतंकवादी नहीं हैं । वे एक देशप्रमी हैं । इस तियात्रकारने इस तियात्राकी रचना गोवाके लोगोंकी सामाजिक मित्रता संजोनेहेतु नहीं, अपितु हिन्दुओंको खलनायक बनाकर इसके माध्यमसे ईसाई, हिन्दू एवं मुसलमानोंमें अंतर करनेका बीज पेरा है । इसके माध्यमसे अधिकांश हिन्दुओंके विषयमें समाजमें भय उत्पन्न करनेका प्रयास किया गया है ।  दक्षिण गोवाके एक विधायकका उदात्तीकरण एवं श्रीराम सेनाकी अपकीर्ति की गई है । हिन्दू कट्टरवादी हैं एवं वे ही सामाजिक मित्रता बिगाडेंगे, ऐसा चित्र उत्पन्न किया गया है ।

क्या धर्मांध ‘पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ संगठनपर मुख्यमंत्री मनोहर पर्रीकर प्रतिबंध लगाएंगे ?

क्या तौसिफ केरल राज्यमें विद्यालयोंमें वन्दे मातरम् राष्ट्रगीतको विरोध करनेवाले ‘पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ संगठनके विषयमें तियात्र निकालेंगे ? इस विषयमें मुझे संदेह है । हमने तियात्रकार तौसिफके विरोधमें परिवाद प्रविष्ट किए हैं । पुलिस इस विषयमें क्या कार्यवाही करेंगी, हमें यह देखना है । न्याय मिलनेतक हम लडेंगे । ‘पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ संगठनद्वारा मडगावमें ६ दिसंबरकी कालावधिमें सामाजिक मित्रता बिगाडनेवाले भित्तिपत्रक लगाए गए थे । इस विषयमें परिवाद करनेपर भी पुलिसद्वारा सार्वजनिक विद्रुfिपकरण कानूनके अनुसार अपराध प्रविष्ट कर आगे कुछ भी कार्यवाही नहीं की गई । श्रीराम सेनापर प्रतिबंध लगानेवाले मुख्यमंत्री मनोहर पर्रीकर ‘पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ संगठनपर क्या कार्यवाही करेंगे, हमें देखना है ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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