भाद्रपद शुक्ल पक्ष पंचमी, कलियुग वर्ष ५११६
![]() |
मुजफ्फरनगर (उत्तरप्रदेश) – मुजफ्फरनगर दंगों के एक साल पूरे होते ही शहर एक बार फिर शहर में छेड़छाड़ को लेकर हुए विवाद के बाद सांप्रदायिक तनाव फैल गया है। शुक्रवार की शाम मुस्लिम संप्रदाय के चार लड़कों की पिटाई के बाद लोग सड़कों पर उतर आए। सैकड़ों लोगों ने थाना घेर लिया। भीड़ में शामिल लोगों ने शहर के चौराहे मीनाक्षी चौक पर जाम लगाते हुए हंगामा किया। अफवाहों के चलते बाजार बंद हो गए। पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागकर भीड़ को तितर-बितर किया। देर रात सिविल लाइन इलाके में जमा भीड़ के बीच केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने विवादित बयान दिया है। बालियान ने कहा है कि अगर पुलिस ने लोगों को न्याय नहीं दिया तो जनता खुद दोषियों को सजा देगी। करीब एक साल पहले मुजफ्फरगनर के कवाल गांव में छेड़छाड़ के मामले से सांप्रदायिक दंगों की शुरुआत हुई थी। दंगों में ६१ लोगों ने जान गवांई थी।
मुजफ्फरनगर शहर के सिविल लाइन इलाके के मोहल्ला जाट कॉलोनी में सुहैल नाम का टीचर एक कोचिंग सेंटर चलाता है। यहां पढ़ने वाले उस्मान, अजीम, शमी और बिलाल की कुछ लोगों ने पिटाई कर दी। इन युवकों पर आरोप लगाया गया कि वे चार-पांच दिनों से मोहल्ले में बिना मकसद घूम रहे हैं और लड़कियों से छेड़खानी कर रहे हैं। जिस समय इन युवकों की पिटाई हो रही थी, उसी समय वहां से गुजर रही महिला कॉन्स्टेबलों ने युवकों को बचाया। इसके बाद पुलिस चारों युवकों को थाने ले आई।
मारपीट की सूचना पर मुस्लिम समाज के लोगों में आक्रोश फैल गया और भारी तादाद में लोग सड़कों पर उतर आए। सड़कों पर पुलिस, पीएसी और आरएएफ के जवानों ने मोर्चा संभाला। कच्ची, सड़क और लद्दावाला जैसे क्षेत्रों में दो संप्रदायों के लोग आमने-सामने आ गए तो पुलिस बल ने लोगों को खदेड़ा। देर रात तक शहर में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई थी। तनाव को देखते हुए कई थानों की पुलिस भी शहर में बुला ली गई।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर