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महारानी को श्रद्धांजली अर्पित करने हेतु प्रतिवर्ष आते है दक्षिण कोरिया के सैंकडो लोग
नई देहली : उत्तर प्रदेश स्थित भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या नगरी का दक्षिण कोरिया से करीब २००० वर्ष पुराना संबंध है। दक्षिण कोरिया के लोग अयोध्या को अपनी मातृभूमि मानते हैं। आज भी अपनी दिवंगत महारानी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए हर वर्ष सैकडों दक्षिण कोरियाई लोग अयोध्या आते हैं।
एक दक्षिण कोरियाई प्रतिनिधिमंडल ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से भेंट की और वहां की महारानी हुर ह्वांग ओके का स्मारक बनाने की का प्रस्ताव रखा। महारानी को प्रिंसेस सुरिरत्ना के नाम से भी जाना जाता है। ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार प्रिंसेस सुरिरत्ना मूल रूप से अयोध्या की रहने वाली थीं और ४८ वीं ईसवी में करक क्लान के राजा किम सुरो से शादी करके कोरिया चली गई थीं।
उल्लेखनीय है कि अपनी दक्षिण कोरिया यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी वहां के लोगों और अयोध्या के बीच के संबंध का उल्लेख किया था। इस दौरान दोनों देशों ने अयोध्या में रानी सूरिरत्ना के एक बडे स्मारक के निर्माण पर सहमति बनी थी। दक्षिण कोरियाई प्रतिनिधिमंडल से भेंट के दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि, महारानी सूरिरत्ना का स्मारक कोरियाई आर्किटेक्चर के हिसाब से बनाया जाएगा।
स्त्रोत : जी न्यूज