Menu Close

श्री त्र्यंबकेश्वर मंदिर के गर्भगृह में महिलाओंको प्रवेश न देने के मंदिर देवस्थान की भूमिका को अनेक हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनोंका सकारात्मक समर्थन !

श्री त्र्यंबकेश्वर मंदिर के गर्भगृह में महिलाओंको प्रवेश देने का प्रकरण

मंदिर प्रशासनद्वारा गर्भगृह में महिलाओंको प्रवेश न देने के अपनी भूमिका स्पष्ट
‘धार्मिक प्रथा-परंपराओंका पालन हों’ – त्र्यंबकेश्वर नगरपरिषद एवं ग्रामसभाद्वारा एकमत से प्रस्ताव

trimbakeshwar-mandir

श्री क्षेत्र त्र्यंबकेश्वर (नासिक) : श्री त्र्यंबकेश्वर मंदिर के गर्भगृह में महिलाओंको प्रवेश मिले; इसलिए नास्तिक भूमाता ब्रिगेड एवं अन्य पुरो(अधो)गामी महिला संगठनोंने मंदिर देवस्थान को पत्र भेजकर आंदोलन करने की चेतावनी दी है !

इस पर मंदिर प्रशासन ने गर्भगृह में महिलाओंको प्रवेश न देने के अपनी भूमिका एक घोषणाद्वारा स्पष्ट की है !

धर्मपरंपराओंकी रक्षा करने के लिए मंदिर प्रशासनद्वारा लिया गया यह निर्णय प्रशंसनीय है। विविध हिन्दुत्ववादी संगठनोंने श्री त्र्यंबकेश्वर मंदिर देवस्थान के न्यासी श्री. सत्यप्रत शुक्ल एवं श्रीमती ललिता शिंदे से भेंट कर इसके समर्थन में ज्ञापन प्रस्तुत किया।

बाएं से दुसरे श्री. सत्यप्रत शुक्ल, उनके बाजू में श्रीमती ललिता शिंदे को ज्ञापन देती हुई हिंदु जनजागृती समिति की कु. प्रतीक्षा कोरगावकर एवं अन्य धर्माभिमानी महिला
बाएं से दुसरे श्री. सत्यप्रत शुक्ल, उनके बाजू में श्रीमती ललिता शिंदे को ज्ञापन देती हुई हिंदु जनजागृती समिति की कु. प्रतीक्षा कोरगावकर एवं अन्य धर्माभिमानी महिला

यह ज्ञापन छत्रपति युवा संगठन, पुरोहित संघ, त्र्यंबकेश्वर; अखिल भारतीय मराठा महासंग्राम संगठन; अखिल भारतीय विदर्भ मातंग सेना; सारा फाऊंडेशन; भाजपा महिला दक्षता समिति एवं हिन्दू जनजागृति समिति आदि हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनोंद्वारा दिया गया हैं।

हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनोंद्वारा दिये गये इस ज्ञापन में कहा गया है, कि भूमाता ब्रिगेडद्वारा किया जा रहा यह आंदोलन केवल आत्मप्रशंसा की लालसा के लिए है। ब्रिगेडी महिलाओंद्वारा की गई मांग हिन्दुओंकी भावनाओंको आहत करनेवाली है। इस प्रकरण में मंदिर प्रशासन की भूमिका योग्य है।

यदि आवश्यक हो गया तो, हम धर्मपरंपराओंकी रक्षा के लिए आंदोलन भी करेंगे !

श्री त्र्यंबकेश्वर मंदिर देवस्थान की भूमिका को त्रिंबक नगरपरिषद के नगराध्यक्ष का समर्थन

श्री क्षेत्र त्र्यंबकेश्वर – श्री त्र्यंबकेश्वर मंदिर प्रशासन ने, भूमाता ब्रिगेडी महिलाओंको मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश मिले, इस मांग को ठुकराया, इसके लिए मंदिर प्रशासन का अभिनंदन !

साथ ही धर्मपरंपरा को अक्षय्य रखने के लिए मंदिर प्रशासनद्वारा महिलाओंको प्रवेश न देने का निर्णय योग्य है, उसका हम समर्थन करते हैं ! त्रिंबक नगरपरिषद की नगराध्यक्षा श्रीमती विजया लढ्ढा ने श्री त्र्यंबकेश्‍वर मंदिर प्रशासन के न्यासियोंको इस आशय का पत्र दिया है।

इस पत्र में आगे कहा गया है, कि श्री त्र्यंबकेश्वर मंदिर में स्थित ज्योतिर्लिंग ‘स्वयंभू’ है। मंदिर के गर्भगृह में केवल पीतांबर समान पवित्र वस्र परिधान किए हुए अर्धवस्रधारी पुरुषोंको ही प्रवेश है, एवं यह एक सैकडों वर्ष पुरानी परंपरा है। अनेक राजा, महंत, उद्योगपति एवं समाज के सभी स्तर की महिलाओंने इस परंपरा का आदर किया है।

मंदिर प्रशासन की यह भूमिका योग्य होने के संदर्भ में अनेक महिलाएं एवं ग्रामवासियोंने लिखित रूप एक ज्ञापन दे कर इस निर्णय का समर्थन किया है !

‘धार्मिक प्रथा-परंपराओंका पालन हों’, इस लिए त्र्यंबकेश्वर नगरपरिषद एवं ग्रामसभाद्वारा एकमत से प्रस्ताव !

‘त्र्यंबकेश्वर देवस्थान की धार्मिक प्रथा-परंपराओंका जतन’ तथा ‘भूमाता ब्रिगेड को रोकना’ इस हेतू त्र्यंबकेश्वर नगरपरिषद के १९ पार्षद संघटित हो गये हैं एवं उन्होंने नगरपरिषद में एकमत से प्रस्ताव भी पारित किया है, साथ ही आज सरपंच एवं अन्य ग्रामवासियोंद्वारा संघटित हो कर ग्रामसभा में एकमत से प्रस्ताव परित करना, सुनिश्चित किया है !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *