भाद्रपद शुक्ल पक्ष त्रयोदशी, कलियुग वर्ष ५११६
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शिवपुरी (मध्यप्रदेश) – खनियांधाना में धर्मांतरण कराने का काम काफी समय से चल रहा है। तुलाराम के ताऊ बहुरन व भाई अतरसिंह (बहुरन का बेटा) को मुस्लिम बनने के लिए एक लाख रुपए का ऑफर दिया गया था। लेकिन इन्होंने धर्मांतरण करने से इनकार कर दिया। बहुरन व अतरसिंह के मुताबिक गांव में बकरी व्यापारी नीलम उर्फ नीलू नामक उन्हें काफी समय से धर्मांतरण करने के लिए प्रलोभन दे रहा है।
तुलाराम भी उसके संपर्क में था। अतरसिंह ने कहा कि हम लोग अपने रीति-रीवाज नहीं छोड़ सकते। हमने तुलाराम को काफी समझाने का प्रयास किया। फिर भी वह नहीं माना। धर्मांतरण का मामला खुलने के बाद जिला प्रशासन , आईबी व पुलिस की टीम गांव पहुंच गई। पिछोर एसडीएम अश्विनी रावत ने कहा कि मामला पैसे लेकर धर्मांतरण का है। धर्मांतरण कराने वालों की तलाश की जा रही है।
पत्नी को वापस बुलाने के लिए दिया था शपथ पत्र
तुलाराम ने करीब 6 महीने पहले धर्मांतरण कर लिया था। इसके बाद तुलाराम के ससुराल में इसका विरोध होने लगा और बहनों ने पारिवारिक संपत्ति कुल ढाई बीघा जमीन को बेचने के लिए एनओसी देने से मना कर दिया। संपत्ति हथियाने और पत्नी को वापस बुलाने के लिए तुलाराम ने खनियांधाना थाने में एक शपथ पत्र दिया, जिसमें लिखा था कि उसने हिन्दू धर्म फिर से अपना लिया है। पत्नी के वापस आने के बाद और बहन से संपत्ति की एनओसी मिल जाने के बाद तुलाराम ने फिर से हिन्दू धर्म से दूसरे धर्म में धर्मांतरण किए जाने की घोषणा कर दी।
पारिवारिक सदस्यों ने धर्मांतरण करने से किया इनकार
तुलाराम के ताऊ बहुरन व ताई रति समेत परिवार के अन्य सदस्य सीताराम, मिजाजी, बृजेश,जेहन और अतरसिंह ने पिछोर एसडीएम व मीडिया के सामने धर्मांतरण से साफ इनकार कर दिया। अतरसिंह ने बताया कि नीलम उर्फ नीलू नाम का एक व्यक्ति गांव में बकरियों का व्यापारी बनकर आता है, जो गांव के भोले-भाले गरीब ग्रामीणों को पैसों का लालच देकर धर्मांतरण के लिए उकसाता है। उसकी इस बात की पुष्टि बहुरन ने भी की, जिसके मुताबिक नीलम ने उसे भी 1 लाख रुपए की पेशकश की थी, लेकिन उसने साफ इनकार कर दिया।
तुलाराम के घर लगी है सीता-राम की तस्वीर
तुलाराम भले ही मुस्लिम धर्म स्वीकार कर लिया हो, लेकिन उसके परिवार के लोग ही इसे मानने के लिए तैयार नहीं है। तुलाराम के घर में भगवान राम व सीता की तस्वीर लगी है। तुलाराम की बहन बिनिया और पूजा, उसकी दादी कमलेश ने बताया कि आज भी घर में देवी-देवाताओं की पूजा की गई है।
स्त्रोत : नर्इ दुनिया
अद्ययावत
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धर्म परिवर्तन के बाद वापस हिंदू धर्म में लौटे युवक, मंदिर में की पूजा-अर्चना
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धर्म परिवर्तन करने वाले दो युवकों पर मामला दर्ज
५ सितंबर २०१४, भाद्रपद शुक्ल पक्ष एकादशी, कलियुग वर्ष ५११६
धर्म परिवर्तन के बाद वापस हिंदू धर्म में लौटे युवक, मंदिर में की पूजा-अर्चना
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(मंदिर पहुंचकर पूजा करता तुलाराम।)
शिवपुरी (मध्य प्रदेश) : खनियाधाना के बुकर्रा गांव में धर्म परिवर्तन करने वाले तुलाराम और मनीराम जाटव गुरुवार को खनियांधाना के टेकरी मंदिर पर पूजा-अर्चना के साथ वापस हिंदू धर्म में आ गए। मनीराम व उसके एक बेटे सहित तुलाराम के परिवार के आठ सदस्यों ने इस धार्मिक अनुष्ठान में भाग लिया। इस मौके पर हिंदूवादी संगठनों के पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे। मनीराम का बेटा केशव उर्फ कासिम व उसका भाई रिंकू इस आयोजन से दूर रहे।
बुधवार की रात खनियांधाना थाने से जमानत पर छूटने के बाद मनीराम एवं तुलाराम के परिजनों को रिश्तेदार व हिंदूवादी संगठनों के पदाधिकारी साथ लेकर गए। रात में उन्हें अपने धर्म में वापस आने के लिए समझाया। दोपहर में मनीराम की दाढ़ी व बाल कटवाए गए।
आठ माह पहले शिकायत, जब मामला उजागर हुआ तब चेती पुलिस
खनियांधाना में धर्मांतरण कराए जाने की पहली शिकायत आठ महीने पहले हिंदूवादी संगठनों ने तब की थी, जब एक दलित की लड़की एक मुस्लिम समाज के लड़के के साथ गायब हो गई थी। पुलिस ने इस मामले में लड़की को तो वापस करवा लिया था, लेकिन धर्मांतरण की शिकायत पर जांच ही नहीं कराई। कुछ दिन पूर्व जब दो लोगों के खिलाफ बगैर अनुमति धर्म परिवर्तित करने का केस दर्ज हुआ और मामला उजागर हुआ तो आनन-फानन में एसआईटी गठित करके मामले की जांच शुरू की गई। महज दो दिन की जांच में एसआईटी को कुछ महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं। यदि पुलिस तभी इस मामले में जांच शुरू कर देती तो शायद यह नौबत नहीं आती।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एसआईटी को जांच के दौरान कुछ स्थानीय लोगों के अलावा जिले के अन्य क्षेत्रों में भी ऐसे संदिग्ध लोगों की जानकारी मिली है, जो धर्मांतरण के रैकेट से जुड़े हुए हैं। जांच में यह भी पता चला है कि रैकेट से जुड़े लोग आर्थिक मदद न करते हुए दलित लोगों का ब्रेन बॉश करके उन्हें दो मजहब के बीच का अंतर समझाते हैं। उन्हें यहां तक बताया जाता है कि भेदभाव के चलते तुम्हें घृणित नजरिए से देखा जाता है, जबकि दूसरे मजहब में ऐसा नहीं है। यह बात इसलिए भी पुष्ट होती है, क्योंकि मनीराम द्वारा वापस हिंदू धर्म में आने के बाद बातचीत में यही बताया कि हिंदू धर्म एक है तो उसमें भेदभाव नहीं होना चाहिए, जबकि मुस्लिम धर्म में ऐसा नहीं है।
अब रखी जाएगी नजर
खनियांधाना का मामला सामने आने के बाद कलेक्टर ने निर्देश दिया है कि तहसीलदार व पुलिस अधिकारी अपने क्षेत्र में सर्वे करें कि वहां कोई धर्म परिवर्तन जैसा कार्य तो नहीं किया जा रहा। तहसीलदार शिवपुरी आरके पांडेय ने बताया कि यह आदेश जिले भर के अधिकारियों को दिया गया है।
अब मैं बहुत खुश हूं, अपना घर तो अपना होता है : मनीराम
अब कैसा लग रहा है?
– अपने धर्म में वापस आकर प्रसन्नता हो रही है।
पहले क्यों धर्म बदला, अब किन कारणों से वापस धर्म परिवर्तन किया?
– हिंदू धर्म में भेदभाव किया जाता है, जबकि मुस्लिम धर्म में सभी एक समान हैं। अपना घर तो अपना होता है।
आप वापस आ गए, लेकिन आपका बेटा केशव उर्फ कासिम वापस नहीं आया, उसे भी लाएंगे?
– हम और आप मिलकर उसे भी वापस लाने का प्रयास करेंगे। उसका वापस आना मुश्किल लग रहा है।
तुम्हें क्या किसी ने प्रलोभन दिया था?
– हमें कोई प्रलोभन नहीं दिया गया। मैंने अपनी जमीन बेची थी उससे अपनी दुकान खोली थी। यदि बेटे ने किसी से कोई राशि उधार ली हो तो पता नहीं।
समाज को क्या संदेश देना चाहते हो?
– हिंदू धर्म में सभी को एक समान माना गया है तो कोई भेदभाव न हो और सभी को एक समान व्यवहार के साथ देखा जाए।
स्त्राेत: दैनिक भास्कर
१ सितंबर २०१४, भाद्रपद शुक्ल पक्ष षष्ठी, कलियुग वर्ष ५११६
धर्म परिवर्तन करने वाले दो युवकों पर मामला दर्ज
शिवपुरी(मध्यप्रदेश) – खनियाधाना पुलिस ने ग्राम बुकर्रा व छिरवाहा में दो युवकों के धर्म परिवर्तन करने के मामले में केस दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि प्रारंभिक जांच में जो बात निकल कर सामने आई उसके मुताबिक ऐसा प्रतीत हो रहा है कि दोनों युवकों को धर्म परिवर्तन के लिए लालच दिया गया था। हालांकि दोनों युवकों ने पुलिस को दिए अपने बयान में स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन की बात स्वीकारी है।
ये है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार गत जनवरी माह में पुलिस को कुछ लोगों ने शिकायतें दर्ज कराई थीं कि ग्राम बुकर्रा खनियाधाना निवासी तुलाराम पुत्र प्रीतम जाटव व छिरवाहा पिछोर निवासी मनीराम पुत्र रघुवर जाटव ने हिन्दू धर्म का त्याग कर मुस्लिम धर्म शासन से अनुमति लिए बिना अपना लिया है। उक्त शिकायतों के आधार पर पुलिस ने जब जांच की तो दोनों लोगों ने धर्म परिवर्तन करना स्वीकार किया। खनियाधाना पुलिस ने इस बात की जानकारी पुलिस अधीक्षक डॉ एमएस सिकरवार को दी। पुलिस अधीक्षक ने अपने अमले को आगामी कार्रवाई के लिए निर्देशित किया। जांच में यह तथ्य उजगार हुए कि मनीराम व तुलाराम जाटव ने धर्म परिवर्तन से पूर्व शासन अथवा प्रशासन से धर्म परिवर्तन की कोई अनुमति नहीं ली थी, जबकि नियमानुसार धर्म परिवर्तन से पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य है। शिवपुरी कलेक्टर ने पुलिस को आदेश दिया कि चूंकि धर्म परिवर्तन से पूर्व दोनों लोगों को अनुमति लेनी चाहिए थी लेकिन उन्होंने अनुमति नहीं ली। ऐसे में उनके खिलाफ मप्र धर्म स्वतंत्र अधिनियम 1968 के तहत कार्रवाई की जाए। पुलिस ने तुलाराम जाटव व मनीराम जाटव के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है।
आरोपियों ने यह दिए बयान
- हमने अपनी स्वेच्छा से मुस्लिम धर्म अपनाया है।
- हम पर धर्म परिवर्तन के लिए किसी ने कोई दबाब नहीं डाला।
- हमने जिले से बाहर जाकर किया धर्म परिवर्तन।
- हमें धर्म परिवर्तन के लिए कोई लालच नहीं दिया गया।
- यह नहीं बताया कि धर्म परिवर्तन क्यों किया।
- तुलाराम का के अनुसार अब उसका नाम अब्दुल करीम है।
- मनीराम के अनुसार अब उसका नाम अब्दुल्ला कुर्रेशी है।
- तुलाराम पेशे से पुताई करने वाला मजदूर है।
- मनीराम एक जनरल स्टोर का संचालन करता है।
समाज से निकाल दिया गया तुलाराम
तुलाराम द्वारा धर्म परिवर्तन किए जाने का उसके परिवार वालों ने जमकर विरोध किया। उसके भाईयों व अन्य परिवारों ने उससे नाता तोड़ दिया। उसे समाज से निकाल दिया गया था।
शपथ पत्र देकर फिर किया धर्म परिवर्तन
पुलिस का कहना है कि तुलाराम ने धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम बनने के बाद एक शपथ पत्र पुलिस को दिया। शपथ पत्र में उसने उल्लेख किया कि उसके द्वारा पूर्व में हिन्दू धर्म त्याग कर मुस्लिम धर्म अपना लिया था, परंतु अब वह मुस्लिम धर्म का पालन नहीं करता। अब उसने फिर से हिन्दू धर्म अपना लिया है।
मनीराम अब भी अब्दुल्ला कुर्रेशी
पुलिस ने दी गई जानकारी में बताया कि मनीराम व उसका परिवार अब भी मुस्लिम धर्म का पालन करते हुए अपना जीवन यापन कर रहा है। सूत्रों की मानें तो समाज ने उसका भी तिरस्कार कर दिया है।
ये है धर्म परिवर्तन का नियम
धर्म परिवर्तन के नियमों की बात करें तो धर्म परिवर्तन से पूर्व संबंधित व्यक्ति को कलेक्टर के यहां धर्म परिवर्तन करने संबंधी सूचना देकर धर्म परिवर्तन की अनुमति लेनी होती है। यदि प्रशासनिक अनुमति मिलती है तो ही वह धर्म परिवर्तन कर सकता है।
इनका कहना है
प्रथम दृष्टया जांच में ऐसा प्रतीत हो रहा है कि संभवतः लालच देकर धर्म परिवर्तन करवाया गया है। कलेक्टर से अनुमति लेकर दोनों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण कायम कर लिया गया है। आगामी जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उनके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। – डॉ. एम एस सिकरवार,पुलिस अधीक्षक, शिवपुरी
स्त्रोत : नर्इ दुनिया