भाद्रपद शुक्ल पक्ष सप्तमी, कलियुग वर्ष ५११६
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अलेप्पो : इस्लामिक स्टेट के आतंकियों द्वारा अब अपने ही एक शीर्ष कमांडर का सिर कलम करने का मामला सामने आया है। ब्रिटेन की वेबसाइट डेली मेल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अबू उबैदा अल्माघ्रिबी नाम के इस कमांडर पर ब्रिटिश खुफिया एजेंसी MI6 का एजेंट होने का आरोप था, जिसके चलते आईएसआईएस ने उसे मौत के घाट उतार दिया। गौरतलब है कि अबू उबैदा उत्तरी सीरिया के अलेप्पो में उस जेल का इंचार्ज था, जहां अमेरिकी पत्रकार जेम्स फोले को कैदी बना कर रखा गया था।
वेबसाइट के मुताबिक, ब्रिटेन को इस्लामिक स्टेट की सारी गतिविधियों के बारे में जानकारी देने के आरोप में अबू उबैदा का सिर कलम कर दिया गया। अबू उबैदा मोरक्को मूल का एक डच नागरिक माना जा रहा है। हालांकि, उसकी वास्तविक पहचान का अब तक खुलासा नहीं हो पाया है। इस्लामिक स्टेट का दावा है कि फोले की हत्या की ठीक दूसरे दिन अबू उबैदा का भी सिर कलम कर दिया गया।
इस्लामिक स्टेट के एक पूर्व कैदी ने बेल्जियम के वकीलों को बताया कि अबू उबैदा उस जेल का इंचार्ज था, जहां फोले कैद था। लेकिन विदेश कार्यालय ने मोरक्को और जॉर्डन की समाचार एजेंसियों के इस दावे पर किसी भी प्रकार कि टिप्पणी देने से मना किया है।
एक सुरक्षा सूत्र ने कहा, "बीते दिनों अन्य आतंकि संगठनों द्वारा दावा किया गया कि जासूसी मामले के आरोपी अबू उबैदा को उसके ही साथियों ने सिर कलम कर दिया।" सूत्र ने ये भी कहा, "इस्लामिक स्टेट का ये संदेश मीडिया तक पहुंचाने में किसी तीसरे का हाथ हो सकता है।"
ब्रिटेन आधारित सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के मुताबिक, हाल के हफ्तों में इस्लामिक स्टेट ने इराक में बंधक बनाई गई यजीदी समुदाय की ३०० महिलाओं व लड़कियों को सीरिया में अपने लड़कों को बेच दिया है।
ऑब्जर्वेटरी की रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाओं को इस्लाम कबूलने के लिए मजबूर किया गया। रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि सभी को १,००० डॉलर यानी ६० हजार रुपए में बेच दिया गया। ऑब्जर्वेटरी के मुताबिक, आईएसआईएस इन महिलाओं को युद्ध में हासिल की हुई चीजें मानता है। साथ की कहा, "उत्तरी सीरिया के रक्का, हसाका और अलेप्पो में २७ महिलाओं को बेचना का मामला सामने आया है। इनमें से कुछ को कुर्द व अरबी मध्यस्थों ने भी खरीदा है, जिसे वे उनके परिवारों को सौंप देंगे।"
यजीदी जातीय तौर पर कुर्द हैं, लेकिन धार्मिक परंपरा के साथ वह एक अलग समुदाय है। इस समुदाया में अब्राहमिक और पारसी धर्म के तत्व शामिल हैं। दुनियाभर में लगभग ७ से ८,००,००० यजीदी हैं, जिनमें से ९० फीसदी आबादी इराक में रहती है। अगस्त महीने के शुरुआत में जब इस्लामिक स्टेट ने अपनी जड़ें फैलाने की कोशिशें तेज की, तब लगभग ४,००,००० यजीदियों ने घर छोड़कर सुरक्षित ठिकानों की ओर रुख कर लिया था।
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इस्लामिक स्टेट के हाथों लेबनानी सैनिक की हत्या की खबर के बाद सदमे में परिजन
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इस्लामिक स्टेट की जेलों में कैद लेबनानी सैनिकों के रिश्तेदार
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इस्लामिक स्टेट में बंधक बनाए गए लेबनानी सैनिकों के रिश्तेदार सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करते हुए
इस्लामिक स्टेट यजीदियों को शैतान का उपासक मानता है। यही वजह है कि इराक में अल्पसंख्यक यजीदी समुदाय पर आतंकी कहर ढहा रहे हैं।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर