हरिपुर के भूमा शक्तिपपीठम में ‘हिन्दू धर्म की रक्षा’ हेतु ‘धर्मसभा’ का आयोजन
हरिपुर : आज हिन्दू धर्म पर टीका-टिप्पणी करना एवं मुसलनानोंके जिहाद को समर्थन देना, यही धर्मनिरपेक्षता बन गई है ! लोकतंत्र की आड में चल रहा यह तमाशा अब बंद होना चाहिए, ऐसा दृढ प्रतिपादन भूमापीठाधीश्वर स्वामी अच्युतानंद तीर्थजी महाराज ने किया।
‘धर्म की रक्षा’ करना संतसमाज का प्रथम कर्तव्य है एवं ‘धर्म की रक्षा’ हेतु ही परमात्मा ने उनको बनाया है, फिर भी आज हिन्दू धर्म की स्थिति इतनी बुरी क्यों हुई है ? इसका चिंतन करना उनके लिए आवश्यक है, ऐसा भी स्वामी अच्युतानंद तीर्थजी महाराज ने कहा।
‘हिन्दू धर्म की रक्षा’ हेतु यहां के भूमा शक्तिपीठम में धर्मसभा का आयोजन किया गया था।
इस सभा में धर्मसंसद के प्रमुख समन्वयक कालिकाम मंदिर के महंत एवं सनातन हिन्दू वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री. सुरेंद्रनाथजी अवधूत, विख्यात ज्योतिषविद् एवं गीता मनिषी पवन सिन्हा, विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय मार्गदर्शक श्री. बी.एल. शर्मा, हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळे, हिन्दू स्वाभिमान की राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती चेतना शर्मा, अनेक धर्माचार्य, साधु-संतोंके साथ ३५ से भी अधिक संगठनोंके प्रतिनिधि सम्मिलित हुए थे।
जनसंख्या का विस्फोट रोकने के लिए कठोर ‘जनसंख्या नियंत्रण कानून’ बनाएं ! – महामण्डलेश्वर स्वामी सहजप्रकाश सरस्वती महाराज, अधिष्ठाता, पावनधाम
देश में बढती जनसंख्या को रोकने के लिए जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाना आवश्यक है !
जब तक शासन ऐसा कानून नहीं बनाता, तब तक हिन्दुओंको अधिक बच्चोंको जन्म देना चाहिए। जिस हिन्दू समाज को अपने बच्चोंका पालनपोषण करने में समस्याएं हैं, वे अपने बच्चोंको संत समाज को सौंप दें।
संत समाज उन बच्चोंको ‘अच्छी शिक्षा एवं संस्कार’ दे कर उनको स्वावलंबी बनाएंगे और उसके पश्चात उनको अपने माता-पिता को सौंपेंगे।
‘हिन्दुस्थान’ को, ‘हिन्दुस्थान’ ही रखने के लिए हिन्दुओंको संगठित होना आवश्यक ! – पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळे, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति
अनेक जिहादी संगठनोंसहित ‘आयएसआयएस’ इस आतंकवादी संगठन के आतंकी भारत के विविध क्षेत्र से पकडे जा रहे हैं !
इस ‘आयएसआयएस’ को कश्मीर से लेकर केरलतक समर्थन प्राप्त हो रहा है। इसे कल के ‘गृहयुद्ध’ के लिए शत्रुद्वारा किया गया ‘शंखनाद’ ही समझें !
यह युद्ध केवल सीमा पर नहीं, अपितु हर गांव में, हर स्तर पर लडा जानेवाला है; किंतु आज की स्थिति कैसी है ?
हमारे पुलिस एवं सैन्यबल अपने प्राणोंको हथेली पर लेकर इस जिहादी संकट का सामना कर रहे हैं और सैनिकोंको प्रतिदिन ‘वीरगति’ भी प्राप्त हो रही है। सीमा पर लडनेवाले सैनिक तथा अन्तःस्थ जिहादियोंके विरोध में लडनेवाली पुलिस के हाथ शक्तिशाली बनाने के लिए हिन्दुओंको ‘स्वसंरक्षण प्रशिक्षण’ लेना आवश्यक है !
आज भी हमारे देश को ‘हिन्दुस्थान’ के रूप में देखना चाहते हो, तो जिहादियोंके विरोध में हिन्दुओंको ‘संगठित’ होना ही आवश्यक है !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात