भाद्रपद शुक्ल पक्ष अष्टमी, कलियुग वर्ष ५११६
धर्मांधोंके विरोधमें परिवाद प्रविष्ट करनेके पश्चात हिन्दूनिष्ठोंको धमकी देनेके लिए यह भारत है या पाक ?
मुंबई – एक जनपदमें एक गायपर लैंगिक अत्याचार करनेवाले धर्मांधको हिन्दुओंने पुलिसके अधिकारमें दिया । (इससे धर्मांधोंकी पशुता ध्यानमें आती है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) तत्पश्चात एक धर्मांधने यह कृत्य देखनेवाले हिन्दूको दूरभाषपर यह धमकी दी कि तुम सनातनके साथ धर्मरक्षाका कृत्य न करो । (आजतकके सर्वदलोंके राजनेताओंद्वारा किए गए धर्मांधोंकी चापलूसीके कारण उद्दंड बने धर्मांध ऐसे कृत्यकरनेका दुस्साहस कर सकते हैं ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) तत्पश्चात गांवके सर्व हिन्दूनिष्ठोंने जब सम्बन्धित धर्मांधसे भेंट की, तो वह क्षमायाचना करने लगा । (ऐसे धर्माभिमानी सर्वत्र होने चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
१. एक जनपदमें एक धर्मांध गायके साथ लैंगिक अत्याचार कर रहा था । एक हिन्दूने यह दृश्य देखा ।
२. उसने त्वरित अन्य हिन्दूनिष्ठ, सनातन संस्था तथा हिन्दू जनजागृति समितिके कार्यकर्ताओंको आंमत्रित किया ।
३. सर्व हिन्दूनिष्ठोंने इकट्ठा होकर उस धर्मांधको पुलिसके अधिकारमें दिया । उसके विरोधमें निवेदन प्रस्तुत कर उसपर कडी कार्रवाई करनेकी मांग की । इस धर्मांधको ५ दिनके लिए पुलिस कोठरीके पश्चात न्यायालयीन कोठरीमें बंदी बनाया गया ।
४. इस संदर्भके समाचार पढकर एक धर्मांधने पहले धर्मांधका कुकृत्य देखनेवाले हिन्दूको भ्रमणभाषपर संपर्वâ किया । (इससे धर्मांधोंका धर्मबंधुत्व सामने आता है । यदि किसी धर्मांधने अनुचित कृत्य किया, तो उसे अन्य धर्मांध सहयोग करते हैं, किंतु हिन्दू दूसरे हिन्दूका पैर खींचनेके लिए आगे बढते हैं ! – संपादक)
५. उसने बताया कि आप सनातनका साथ देकर कोई भी कृत्य न करें, अन्यथा आपको, सनातन संस्था तथा हिन्दू जनजागृति समितिके कार्यकर्ताओंको पाठ पढा दूंगा । (सनातन संस्था तथा हिन्दू जनजागृति समितिके कार्यकर्ता धर्मांधोंकी धमकीसे भयभीत होकर धर्मरक्षाका कार्य करनेके लिए नहीं रुकेंगे, साथ ही धर्ममार्गसे भी पीछे नहीं हटेंगे ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
६. यह सूचना उस हिन्दूने सनातन संस्था तथा हिन्दू जनजागृति समितिके कार्यकर्ताओंके साथ सर्व हिन्दूनिष्ठोंको दी ।
७. वे हिन्दूनिष्ठ पुनः सम्बन्धित धर्मांधसे मिलने हेतु गए तथा उन्हें बताया कि पुनः हिन्दूनिष्ठोंको धमकी देनेका प्रयास न करें, अन्यथा उचित शिक्षा देंगे । इस बातपर वह धर्मांध क्षमायाचना करने लगा । (धर्मांधोंको उचित भाषामें सीख दिलानेवाले हिन्दू ही हिन्दू धर्मकी वास्तविक शाqक्त ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
८. तदुपरांत हिन्दूनिष्ठोंने यह विषय स्थानीय पुलिस निरीक्षकोंको बताया । पुलिसने इस विषयमें ध्यान देनेका आश्वासन दिया ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात