भाद्रपद शुक्ल पक्ष अष्टमी, कलियुग वर्ष ५११६
क्या सर्वोच्च न्यायालयद्वारा वस्तुनिष्ठ अभ्यास किया जाएगा ?
www.change.org जालस्थलपर हस्ताक्षर अभियान
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पुणे (महाराष्ट्र) – मंदिर, मस्जिद तथा चर्च जैसे धार्मिक स्थलोंपर अथवा उत्सवोंमें ध्वनिक्षेपकके उपयोगपर प्रतिबंध लगाया जानेके संदर्भमे सर्वोच्च न्यायालयमें जनहित याचिका प्रविष्ट की गई है । इस याचिकाको समर्थन दर्शाने हेतु हस्ताक्षर आंदोलन चलाया जा रहा है । ( आजतक मंदिरोंके ध्वनिक्षेपकोंके कारण सर्वोच्च न्यायालयके निर्देशोंका उल्लंघन नहीं हुआ है; परंतु सवेरे ५ बजकर १५ मिनटसे मस्जिदसे बांग देकर प्रतिदिन सर्वोच्च न्यायालयके आदेशका उल्लंघन किया जाता है । ऐसे समय मस्जिदके साथ मंदिरोंकी तुलना कर सभी स्थानके ध्वनिक्षेपकोंपर प्रतिबंध लगानेकी मांग करना हिन्दुओंपर के लिए अन्याय जनक है । इस प्रकारसे ऊउपरी तौरपर अभ्यास कर प्रविष्ट की गई किए गए याचिकाओंके कारण ही धर्मांधोंके कुकृत्यका परिणाम हिन्दुओंको भुगतना पडता है । इस स्थितिमें परिवर्तित कारने हेतु ‘हिन्दू राष्ट्र’ ही चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
१. विनीत नरेनद्वारा प्रविष्ट याचिकामें कहा गया है कि किसी भी धर्म अथवा पंथका उत्सव हो, तो उसके लिए निस्संकोच रुपसे ध्वनिक्षेपकका उपयोग होता है; परंतु इससे अनेक बार सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न होनेके उदाहरण हैं । ( यह सांप्रदायिक तनाव ही धर्मांधोंकी उद्दंडताके कारण होते हैं । क्या इसका विचार नरेनने किया है ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
२. इस याचिकाके संदर्भमें न्यायालयद्वारा और कुछ जानकारी मंगवाई गई है । याचिकाको नागरिकोंका समर्थन दर्शानेहेतु हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है । अबतक इस आंदोलनके अंतर्गत २३१ नागरिकोंने हस्ताक्षर कर समर्थन दर्शाया है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात