धर्माभिमानी हिन्दुओंद्वारा देहली के जंतरमंतर पर ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’
देहली : ९ मार्च को यहां के जंतरमंतर पर धर्माभिमानी हिन्दुओंद्वारा ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’ किया गया।
इस आंदोलन में लश्कर-ए-तोएबा की इशरत जहां के आतंकवादियोंसे संबंध छिपा कर प्रामाणिक पुलिस अधिकारियोंको कारागृह में डालनेवाले तत्कालीन केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम पर कार्रवाई करें, ‘द्रौपदी’ के संदर्भ में विकृत लेखन करनेवाले डॉ. यार्लगड्डा लक्ष्मी प्रसाद का ‘पद्मभूषण’ पुरस्कार रद्द करें एवं कश्मीर में जिन मस्जिदोंसे देशद्रोही घोषणाएं की जाती हैं, उन मस्जिदोंके भोंपूओंको हटाने के साथ ही देश की अन्य मस्जिदोंपर लगाए गए अवैधानिक भोंपुओंको भी हटाएं आदि मांगें की गई।
आंदोलन के समय की गई अन्य मांगें ….
१. कथित ‘भगवा आंतकवाद’ के नाम पर निर्दोष हिन्दुओंको फंसा कर कारागृह में डालने के संदर्भ में जांच करें।
२. पाकिस्तान, बांग्लादेश एवं मलेशिया देशों में अल्पसंख्यक हिन्दुओंपर किए जानेवाले अत्याचार रोकने हेतु संबंधित देशोंपर दबावतंत्र का उपयोग करें।
३. विदेश के हिन्दुओंपर होनेवाले अत्याचारोंके संदर्भ में भारत, ‘संयुक्त राष्ट्र संघ’ से न्याय की मांग करे।
४. तमिलनाडू, केरल एवं आग्रा में की गई हिन्दुत्वनिष्ठ कार्यकर्ताओंकी हुई हत्याआेंकी जांच केंद्रीय अन्वेषण विभाग को सौंपी जाए।
देश का विश्वासघात करनेवाले नेताओंकी जांच हों ! – पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळे, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति
वर्तमान में देश में होनेवाली देशद्रोही घटनाओंको देख कर भारत के शत्रुओंको आनंद प्रतीत होना संभव है; क्योंकि हमारे अपने लोग ही उनका कार्य कर रहे हैं, उन्हें मदद कर रहें हैं !
देश को नष्ट करने हेतु पाकिस्तान अथवा अन्य देश से आए लोगों को हम शत्रु कहते हैं; परंतु हमने जिन्हें चुन कर दिया, यदि वे ही देश का विश्वासघात करते हैं, तो इसे क्या कहना चाहिए ? ऐसे विश्वासघाती नेताओंकी जांच होनी ही चाहिए !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात