भाद्रपद शुक्ल पक्ष नवमी, कलियुग वर्ष ५११६
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी जापान यात्रा के चौथे दिन जापान में बसे भारतीयों को संबोधित किया। अपने संबोधन के दौरान नरेंद्र मोदी ने जहां भारत में टूरिज्म को बढ़ावा देने और लोगों से जुड़ने की बात की, वहीं यह भी बताया कि उन्होंने जापान में अपने समकक्ष और महापुरुषों को भगवदगीता भेंट की। मोदी ने चुटकी लेते हुए कहा कि यह बात सेक्यूलर मित्रों को बुरी लग सकती है, लेकिन मुझे बहस की चिंता नहीं है।
विवेकानंद सेंटर में अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि उनकी जापान यात्रा बहुत ही सफल रही है। मोदी ने बताया कि जब आप किसी से मिलते हैं तो उपहार देते हैं और शिष्टाचार के तहत मैं यहां उपहार स्वरूप भगवदगीता लेकर आया। पीएम ने कहा, 'मैं गिफ्ट देने के लिए भगवदगीता लेकर आया था। हमारे सेक्यूलर मित्र इस पर तूफान खड़ा कर सकते हैं। मुझे इस पर बहस की चिंता नहीं है। वे कहेंगे की यह सांप्रदायिकता को बढ़ावा है। खैर, उनकी भी रोजी-रोटी चलनी चाहिए।'
मोदी ने स्पष्ट किया कि वह आगे भी दुनिया के किसी महापुरुष से मिलने पर गीता ही भेंट करेंगे। मोदी बोले, 'ये मेरा कमिटमेंट है। मेरे पास इससे बढ़कर देने को कुछ नहीं है और दुनिया के पास भी इससे ज्यादा पाने के लिए कुछ नहीं है।'
स्त्रोत: आज तक