भाद्रपद शुक्ल पक्ष दशमी, कलियुग वर्ष ५११६
- हिन्दुओंके त्योहारोंके समयपर ही उनके आराध्य देवताका अनादर:- यह भारत है या पाकिस्तान ?
जलगांव (महाराष्ट्र) – धर्मांधोंने क्षुद्र कारणसे हिन्दुओंके साथ बखेडा उत्पन्न कर श्री गणेशमूर्तिपर आक्रमण किया । (आजतकके राजनेताओंद्वारा की गई धर्मांधोंकी चापलूसीके कारण ही उद्दण्ड हुए धर्मांध अकारण ही हिन्दुओंपर आक्रमण करते हैं ! जबतक वैचारिकरूपसे धर्मांध बने निधर्मी राजनेताओंकी सत्ता है, तबतक इस स्थितिमें परिवर्तन नहीं होगा ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
१. १ सितम्बरको प्रातः ८.३० बजे नशीराबादके कुंभारवाडामें झिपरू अण्णा गणेशोत्सव मंडलद्वारा स्थापना की गई गणेशमूर्तिकी सामूहिक आरती आरंभ थी । उस समय १०-१२ वर्षके कुछ धर्मांध बच्चे मांस लेकर जा रहे थे । (आरतीके समय कोई वहांसे मांस लेकर जाएगा, तो उससे हिन्दुओंकी भावना आहत होना सहज है । इससे यह आक्रमण पूर्वनियोजित था, यदि ऐसा प्रतीत होता है, तो उसमें अनुचित बात क्या है ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
२. वहां श्री गणेशमूर्तिकी स्थापना की गई है, इसलिए हिन्दू महिलाओंने उन्हें अन्य मार्गसे मांस लेकर जानेके लिए बताया ।
३. इस बातका क्रोध आनेके कारण धर्मांध बच्चोंने महिलाओंके साथ झगडा किया । (इससे यह स्पष्ट होता है कि धर्मांधोंको बचपनमें ही हिन्दूद्वेषकी घुट्टी पिलाई जाती है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
४. उन धर्मांध बच्चोंने २० से अधिक धर्मांधोंको बुलाया । (इसका अर्थ यह है कि धर्मांधोंने बच्चोंको आगे किया तथा स्वयं उनकी सहायता हेतु पीछे ही बैठे थे ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) वे धर्मांध त्वरित मंडलके साथ झगडा करने आए । उन्होंने हिन्दू महिलाओंके साथ विवाद किया । तदुपरांत उन्होंने महिलाओंपर पथराव आरंभ किया । उस समय श्री. उत्तम कुंभार घायल हुए । (महिलाओंपर आक्रमण करनेवाले धर्मांध ! ऐसे धर्मांधोंको स्पष्ट प्रत्युत्तर देने हेतु हिन्दुओंको स्वसरंक्षण प्रशिक्षण अनिवार्य है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
५. उस समय कुछ पत्थर श्री गणेशमूर्तिको लगे तथा उससे मूर्तिको क्षति पहुंची है ।
६. इस बातकी सूचना प्राप्त होते ही पुलिस घटनास्थलपर पहुंची । उन्होंने धर्मांधोंको भगाया । (पुलिसने धर्र्मांधोंको त्वरित अधिकारमें क्यों नहीं लिया ? इससे यह कह सकते हैं, कि इन धर्मांधोंको पुलिसका सहयोग है । – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
७. इस संदर्भमें हिन्दुओंद्वारा सूचना प्राप्त होनेके पश्चात भी पुलिसद्वारा धर्मांधोंको बंदी बनानेके लिए टालमटोल करनेके कारण हिन्दुओंने राष्ट्रीय महामार्ग एक घंटेके लिए रोककर रखा ।
८. तदुपरांत पुलिस अधीक्षक डॉ. जे.डी. सुपेकरने घटनास्थलका निरीक्षण किया । हिन्दुओंको समझानेका प्रयास किया गया; किंतु हिन्दुओंने धर्मांधोंको बंदी बनानेकी मांग की ।
९. पुलिसने उस समय साहिल हरुण पिंजारी, सलीमखान दगेखान, अब्जु शकुर मन्सुरी इत्यादि ११ धर्मांधोंके विरोधमें परिवाद प्रविष्ट किया; किंतु किसीको भी बंदी नहीं बनाया ।
१०. इस संदर्भमें पुलिसने यदि उचित कार्रवाई नहीं की, तो हिन्दुओंद्वारा तीव्र आंदोलन किया जाएगा ।
स्त्राेत: दैनिक सानतन प्रभात