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यदि युवकोंद्वारा अखंड ‘हिन्दू राष्ट्र’ का ध्येय रख कर कार्य किया गया, तो ‘हिन्दू राष्ट्र’ की स्थापना दूर नहीं – टी. राजासिंह, भाग्यनगर

बेलगांव की हिन्दू  धर्मजागृति सभा में १० सहस्र से अधिक हिन्दू धर्माभिमानियों द्वारा उत्स्फूर्त प्रतिसाद !

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बेलगांव – आज गोहत्या तथा लव जिहाद समान समस्याओं ने भयानक रूप धारण कर लिया है । बेलगांव में भयंकर मात्रा में गोहत्या की जाती है । ऐसे समय हिन्दुओं ने जात-पांत, पक्ष, संप्रदाय तथा सीमावाद जैसे संकीर्ण बातों में लिप्त होने की अपेक्षा अखंड ‘हिन्दू राष्ट्र’ का ध्येय सामने रख कर कार्य किया, तो ‘हिन्दू राष्ट्र’ की स्थापना दूर नहीं है । भाग्यनगर (हैदराबाद) के श्रीराम युवा सेना के संस्थापक अध्यक्ष एवं भाजपा के विधायक श्री. टी. राजासिंह ने ऐसे जाज्वल्यपूर्ण विचार व्यक्त किए । वे ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करने के उद्देश्य से रविवार, १३ मार्च को यहां के आदर्श विद्यामंदिर महाविद्यालय के प्रांगण में आयोजित हिन्दू धर्मजागृति सभा में बोल रहे थे । इस सभा में सनातन संस्था के प्रवक्ता श्री. अभय वर्तक एवं हिन्दू जनजागृति समिति के संगठक श्री. मनोज खाडये ने भी मार्गदर्शन किया ।

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सभा में उपस्थित जनसमुदाय

श्रीराम सेना, हिन्दू एकता आंदोलन तथा हिन्दू राष्ट्र सेना के साथ विविध हिन्दुुत्वनिष्ठ एवं मंडलों के नेता, कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी, धर्माभिमानी तथा हिन्दुत्वनिष्ठ पक्ष शिवसेना, भाजपा के कार्यकर्ता इस प्रकार १० सहस्र से अधिक हिन्दुओं ने सभा में उपस्थित रह कर राष्ट्र एवं धर्म के प्रति अपना कर्तव्य निभाया ।

सभा के आरंभ में श्री. टी. राजासिंह के हाथों दीपप्रज्वलन कर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को हार अर्पण किया गया । श्री. मिलिंद धर्माधिकारी ने सूत्रसंचालन किया, जबकि श्री. राजेंद्र पाटिल ने हिन्दू जनजागृति समिति के कार्य का पुनर्विलोकन ब्यौरा दिया ।

श्री. राजासिंह ने कहा….

t_rajasingh१. अन्य धर्मियों को आप कौन हो, ऐसा पूछने पर वे उनकी जाति का उल्लेख न करते हुए प्रथम मुसलमान अथवा ईसाई ऐसा कहते हैं । उसी प्रकार हिन्दुओं को भी अन्य कोई उल्लेख न कर प्रथम ‘मैं हिन्दू हूं’, ऐसा अभिमानपूर्वक कहना चाहिए ।

२. हिन्दुओ, ऐसा निश्चय करें कि मैं आज से कोई भी वस्तु केवल हिन्दुओं से ही क्रय करूंगा । वस्तु क्रय करते समय दो रुपए अधिक व्यय हुए तो भी मैं अहिन्दुओं से कोई वस्तु क्रय नहीं करूंगा ।

३. हिन्दुत्व का कार्य करते समय युवकों को भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है । हिन्दुत्व का कार्य करते समय अवसर आने पर युवकों को कारागृह में भी जाने की सिद्धता रखनी चाहिए । मुझ पर १५० से अधिक अभियोग प्रविष्ट हैं । जो धर्मकार्य करता है, ईश्वर उसकी रक्षा करता है, यह मेरा प्रत्यक्ष उदाहरण है । अनेक बार मुझे मारने का प्रयास किया गया; परंतु ईश्वरीय कार्य करता हूं, इसलिए मैं आज आपके समक्ष खडा हूं ।

४. आज लाखों की संख्या में रामभक्त भाग्यनगर मेें शोभायात्रा निकालते हैं । यह शोभायात्रा निकालते समय अन्य धर्मियों को अपने प्रार्थनास्थल ढंक कर रखने पडते  हैं । इससे ध्यान में आता है कि संगठन में कितनी शक्ति है, ऐसा ही सर्वत्र होना चाहिए ।

५. आज हिन्दू संत भय के वातावरण में रहते हैं एवं राजनेता वातानुकूलित गाडी से घूम रहे हैं । यह सर्वथा अनुचित है ।

इस राष्ट्र को तथाकथित आधुनिक लोगों से उतना ही धोखा है, जितना जिहादी आतंकवादियों से ! – अभय वर्तक, सनातन संस्था

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इस अवसर पर सनातन संस्था के प्रवक्ता श्री. अभय वर्तक ने कहा कि वर्तमान समय में विश्व के समक्ष आतंकवाद एक बडी समस्या है । भारत को जिहादी आतंकवाद के साथ आधुनिकता के आतंकवाद का भी सामना करना पड रहा है ।

ये आधुनिक लोग बार-बार हिन्दुओं की आस्थाओं को भंग करते हैं । हिन्दुओं के देवी-देवता एवं संतों को अपकीर्त करते हैं । इस प्रकार हिन्दुओंके देवी-देवताओं के व्यंग्यात्मक नाम रखनेवाले, हिन्दू धर्म को तुच्छ कहनेवाले तथाकथित साहित्यकार भालचंद्र नेमाडे को देश में सर्वोच्च ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जबकि करोडों हिन्दुओं के आस्थास्रोत भगवान श्रीकृष्ण एवं द्रौपदी के अनैतिक संबंध थे, ऐसा कहनेवाले डॉ. यारल्लगड्डा लक्ष्मीप्रसाद को पद्मभूषण पुरस्कार घोषित किया गया है । यह सुन कर जिन हिन्दुओं का रक्त नहीं खौलता, क्या उन्हें हिन्दू कहना चाहिए ? क्या इस प्रकार का अनादर कभी अन्य धर्मियों के आस्थास्रोतों के साथ हुआ होता तो क्या उन्हें पुरस्कार मिला होता ? ये आधुनिक वृत्तिवाले हिन्दुओं में भयंकर बुद्धिभेद उत्पन्न कर रहे हैं । अतः इस राष्ट्र को जिहादी आतंकवादियों के जितना धोखा पुरागामियों से भी है !

श्री. अभय वर्तक ने आगे कहा कि…

१. जेएनयू की स्थिति जिहादी उत्पन्न करनेवाले विश्वविद्यालय समान है । पूरे देश के पुरोगामी जेएनयू के वैचारिक जिहाद का समर्थन कर रहे हैं । ये तथाकथित आधुनिक लोग भारत का सत्यानाश करना चाहते हैं । भारत की रक्षा हेतु हमें इन देशद्रोही आधुनिक व्यक्तियों को मुंहतोड एवं स्पष्ट उत्तर देने की आवश्यकता है ।

२. हमारा जन्म केवल अपना पेट भरने हेतु नहीं हुआ है ।

३. माध्यमों में हिन्दूविरोधियों की सुपारी लेनेवाले बहुत पत्रकार हैं । चाहे ‘मुंबई मिरर’ की अलका धूपकर हों अथवा धर्मेंद्र तिवारी, वे सत्याधिष्ठित पत्रकारिता नहीं करना चाहते । वे केवल बडे बडे दैनिकों में मिथ्या समाचार छाप कर हिन्दू एवं हिन्दू संगठनों को अपकीर्त करना चाहते हैं । अपकीर्त करने हेतु आधुनिक लोगों से सुपारी लेने में भी ये लोग आगेपीछे नहीं देखते । इन दोनों पत्रकारों ने केंद्रीय अन्वेषण विभाग के मिथ्या ब्यौरे का उदाहरण देकर परात्पर गुरु डॉ. आठवले के मुंह में झूठे वक्तव्य डालने का महापाप किया है । पत्रकारिता के इस भ्रष्टाचार को कौन रोकेगा ? ऐसे सुपारीबाज पत्रकारों के कारण ही हिन्दुओं के ऊपर वृत्तपत्रों के कार्यालय पर प्रदर्शन करने की स्थिति आ खडी हुई है ।

आतंकवादियों का उदात्तीकरण करनेवालों को उसी भाषा में उत्तर दें ! – मनोज खाडये, हिन्दू जनजागृति समिति

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इस अवसर पर श्री. मनोज खाडये ने कहा कि क्या आतंकवादी याकूब मेमन को फांसी देने पर उसकी अंत्ययात्रा में १५ सहस्र लोगों की भीड होना आतंकवाद का उदात्तीकरण नहीं है ? देहली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में कश्मीरी मुसलमान एवं साम्यवादी विद्यार्थियों द्वारा महम्मद अफजल का फांसी दिवस मनाया गया । उसका उदात्तीकरण करनेवाली चित्रफीत (वीडियो) दर्शाई गई । ‘तुम कितने अफजल मारोगे, घर घर से अफजल निकलेगा’, ऐसी घोषणा की गई । देश का विभाजन करने तथा देश का सत्यानाश करने की घोषणाएं की गर्इं । इन धर्मांधों एवं साम्यवादियों को अब डांट (फटकार) कर यह कहना चाहिए कि यदि घर घर से अफजल निकलेगा, तो घर घर में घुसकर उसे मारनेवाले छत्रपति शिवाजी महाराज भी घर घर से जन्म लेंगे । कुछ समय पूर्व राष्ट्रवादी कांग्रेस के सर्वेसर्वा शरद पवार ने कहा कि देश को ‘हिन्दू राष्ट्र’, बनाना चिंताजनक है । पवार समान हिन्दू राष्ट्र  विरोधियों को यह ज्ञात नहीं है कि ‘हिन्दू राष्ट्र’ का विरोध इस्लामिक स्टेट का समर्थन है !

श्री. मनोज खाडे ने कहा….

१. देश में सर्वत्र इस्लामिक स्टेट का प्रभाव बढ रहा है । इसिस के भारतप्रवेश के कारण इस्लामी राज्य अथवा हिन्दू राष्ट्र ?, ऐसा प्रश्न उत्पन्न हो गया है । ऐसे लोगों के विरुद्ध लडाई करने हेतु हिन्दुओं को भारतीय पुलिस एवं सेना के साथ कंधे से कंधा मिला कर कार्य करना चाहिए । प्रत्येक भारतीय को इस्लामिक स्टेट के विरुद्ध लडने हेतु १४ हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों को एकत्रित आकर इंडिया एगेंस्ट इस्लामिक स्टेट के आंदोलन में सम्मिलित होना चाहिए ।

२. कांग्रेसवाले कहते हैं कि अकाल निवारण हेतु मंदिरों के पैसाें का प्रयोग करें, इसके स्थान पर कांग्रेसी नेताओं की संपत्ति क्यों नहीं ली जानी चाहिए ? कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने ७० लाख रुपए मूल्य की घडी पहनी थी । इससे कांग्रेसी राजनेताओं की मानसिकता ध्यान में आती है ।

३. बेलगांव में मुसलमानों ने फेरी निकाली, उस समय ‘मंदिर वहीं बनाएंगे,’ इस घोषणा पर प्रतिबंध लगाने की मांग की । अब श्रीराम मंदिर का निर्माण पूरा होने से यह घोषणा अपने आप स्वीकृत होगी ।

४. आज हम केवल साधु-संतों की कृपा से जीवित हैं । साधु-संतों के भक्त साधु-संतों को गंगा नदी में फेंक दें, ऐसा कहनेवाले सांसद पप्पू यादव को ही अरब के समुद्र में डुबो देंगे ।

५. एक ओर सुरक्षामंत्री ने आर्थिक बोझ होने के कारण सेना को घटाने की घोषणा की है । दूसरी ओर विधायक एवं सांसद के भत्ते न्यून नहीं किए जाते एवं पाकिस्तान के क्रिकेट तज्ञों की रक्षा हेतु राशि व्यय की जा रही है ।

६. जिस प्रकार नेपाल से आते समय प्रधानमंत्री श्री. नरेंद्र मोदीजी ने अकस्मात पाकिस्तान का भ्रमण किया, उसी प्रकार भारतीय सैन्य को भी अकस्मात पाकिस्तान का भ्रमण करने को कहना चाहिए, जिससे सभी समस्याओं का निवारण हो ।

७. अश्लील वीडियो देखने के स्थान पर वीरश्री उत्पन्न करनेवाले वीडियोज देखें ।

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