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तृप्ति देसाई को जनवरी में ही भूमाता ब्रिगेड से निकाल दिया गया – दुर्गा शुक्रे, भूमाता ब्रिगेड

त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग के गर्भगृह में महिलाओं को प्रवेश देने के संदर्भ में धर्मसंसद आयोजित करने का निर्णय – दुर्गा शुक्रे, अध्यक्ष, भूमाता महिला ब्रिगेड

नासिक (महाराष्ट्र) – भूमाता महिला ब्रिगेड की अध्यक्ष दुर्गा शुक्रे ने बताया कि उनके द्वारा १२ मार्च को ऐसा निर्णय लिया गया है कि त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग के गर्भगृह में महिलाओं को प्रवेश देने के विषय में चार पीठों के शंकराचार्य, अखाडा परिषद, त्र्यंबकेश्वर देवस्थान के न्यासी तथा भूमाता महिला ब्रिगेड के साथ धर्मसंसद आयोजित कर चर्चा करेंगे एवं सर्वसम्मति से इस प्रश्न पर समाधान ढूंढा जाएगा ।

हम हमारे गांव की परंपरा को नहीं तोडने देंगे !- योगेश तुंगार, भूतपूर्व नगराध्यक्ष, त्रिंबक नगरपरिषद

इस अवसर पर त्रिंबक नगरपरिषद के भूतपूर्व नगराध्यक्ष श्री. योगेश तुंगार ने भूमाता ब्रिगेड की महिलाओं से कहा कि आप यदि विचार-विमर्श के लिए आए हैं, तो आपका स्वागत है । शास्त्र एवं परंपरा को जान लें । आप धर्मसंसद आमंत्रित करें, यह भी अच्छा है; परंतु किसी ने कुछ कहा, तो भी हम हमारे गांव की परंपरा को नहीं तोडने देंगे ! (धर्मपरंपराओं की रक्षा हेतु दृढ भूमिका अपनानेवाले श्री. योगेश तुंगार का अभिनंदन ! इससे सर्वत्र के हिन्दुओं को शिक्षा लेनी चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )

भूमाता महिला ब्रिगेड की अध्यक्ष दुर्गा शुक्रे ने कहा कि, महाशिवरात्रि को त्र्यंबकेश्वर मंदिर के गर्भगृह में महिलाओं को प्रवेश मिलने हेतु १०० आंदोलनकारियों को लेकर पुलिस एवं प्रशासन को कष्ट देनेवाली तृप्ति देसाई को जनवरी में ही भूमाता ब्रिगेड से निकाल दिया गया है । वे केवल प्रसिद्धि हेतु स्टंट कर रही हैं और हमें भी धमका रही हैं ।

इस अवसर पर शुक्रे ने कहा कि राज्य के समक्ष महत्त्वपूर्ण प्रश्न हैं । वर्तमान में किसानों पर बडा संकट आया है । उनके लिए कुछ ठोस कार्य करने हेतु हमारा संगठन प्रयास कर रहा है । अतः देसाई द्वारा चल रहा आंदोलन केवल प्रसिद्धि के लिए चल रही स्टंटबाजी है । संबंधित प्रश्न चर्चा से भी हल कर सकते हैं ।

तृप्ति देसाई द्वारा २८ मार्च को मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करने की धमकी !

त्र्यंबकेश्वर मंदिर के न्यासी अधिवक्ता श्रीकांत गायधने को तृप्ति देसाई ने भ्रमणभाष कर बताया कि २७ मार्च तक आप निर्णय लें । २८ मार्च को हम पुनः मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करने हेतु आएंगे । शुक्रे कौन हैं, मैं उन्हें नहीं जानती । मैं इस संस्था की संस्थापक अध्यक्ष हूं ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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