घोटाले पर घोटाले करनेवाली ‘पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान व्यवस्थापन समिति’ !
कोल्हापुर (महाराष्ट्र) : पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान समितिद्वारा अवैधानिक रूप से श्री करवीर निवासिनी देवी अंबाबाई की स्वामित्ववाली मोरेवाडी की ८ एकड भूमि का विक्रय किया गया है !
प्रजासत्ताक सामाजिक सेवा संस्था, कोल्हापुर के कार्यकर्ता श्री. दिलीप देसाई ने पत्रकार परिषद में इस प्रकरण की जांच कर कार्यवाही करने की मांग की।
इस अवसर पर श्री. देसाई ने कहा कि …..
१. इस व्यवहार में समिति के तत्कालीन सदस्य श्री. दिगंबर नीलकंठ के हस्ताक्षर झूठे हैं !
२. महसूल मंत्रालय एवं देवस्थान समिति के पदाधिकारियोंने एकसाथ मिल कर यह व्यवहार किया है। शासन ने अंबाबाई की स्वामित्ववाली रि.स. क्रमांक ३२ एवं ४५ क्षेत्र की इस भूमि का विक्रय न करने का स्पष्ट आदेश होते हुए भी अवैधानिक रूप से इस भूमि का विक्रय किया गया है !
३. मोरेवाडी-पाचगाव परिसर में देवस्थान की ९० एकड भूमि है। इसमें प्रथम चरण में ८ एकड का भ्रष्टाचार सामने आया है। कांग्रेस एवं भाजपा-शिवसेना शासन के कार्यकाल में यह कांड हुआ है। दोनों शासन के समय समिति के पदाधिकारी एवं उत्तरदायी शासकीय अधिकारियोंने इस भ्रष्टाचार में सहायता की है !
४. इस प्रकरण के लिए उत्तरदायी पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान व्यवस्थापन समिति को रद्द कर देना चाहिए। १३ दिसंबर २०१० को समितिद्वारा आयोजित सभा संदेहजनक है। उपस्थिति पुस्तक (हाजिरी बही) में उनके हस्ताक्षर के साथ हेराफेरी करने से एवं विक्रय के दस्तावेज पर किए गए हस्ताक्षर मिलाने पर संदेह उत्पन्न होता है। वर्ष २००२-२००३ से यह भ्रष्टाचार चल रहा है। हम अवैधानिक रूप से भूमि के विक्रय को स्थगित करने का प्रयास करेंगे !
पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान व्यवस्थापन समिति के सदस्य
१. डॉ. अमित सैनी, अध्यक्ष, पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान समिति
२. श्री. राजेंद्र देशमुख, राष्ट्रवादी के भूतपूर्व विधायक, आटपाडी एवं सदस्य, पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान समिति
३. श्री. हिरोजी परब, सिंधुदुर्ग, सदस्य, पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान समिति
४. श्री. बी.एन. पाटिल-मुगलीकर, सदस्य, पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान समिति
५. श्री. प्रमोद पाटिल, इचलकरंजी, सदस्य, पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान समिति
६. श्रीमती संगीता उदय खाडे, सदस्य, पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान समिति
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स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात