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चीन की महान दीवार से प्राप्त हुर्इ पांडुलिपि में ‘पवित्र मनुस्मृति’ का उल्लेख

वेदों के बाद मनुस्मृति को सनातन धर्म का प्रमुख ग्रंथ माना गया है। मनुस्मृति में वेदसम्मत वाणी के बारे में बताया गया है। यदि कोई साहित्य वेद को अच्छे से समझता या समझाता है तो वह है मनुस्मृति।

महाभारत और रामायण में ऐसे कई श्लोक हैं, जो मनुस्मृति से ज्यों के त्यों लिए गए हैं। अतः मनुस्मृति महाभारत और रामायण से भी प्राचीन है। कम ही लोग जानते होंगे यह भारत के बाहर भी उतना ही प्रसिद्ध रहा है जितना कि भारत में।

मनुस्मृति का जिक्र चीन की महान दीवार से प्राप्त एक पाण्डुलिपि में 

वर्ष १९३२ में जापान ने जब चीन पर हमला किया था तब एक बम विस्फोट में चीन की ऐतिहासिक दीवार का एक हिस्सा टूट गया था जिसमें लोहे का एक बहुत बडा संदूक (ट्रंक) मिला था और उसमें चीनी भाषा में प्राचीन पांडुलिपियां भरी हुर्इ थीं।

विदेशी प्रमाणों में चीन में मिली मनुस्मृति की जिक्र वाली यह पांडुलिपि इस पवित्र पुस्तक के काल तथा श्लोकों की संख्या की जानकारी कराने वाला एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक प्रमाण है।

स्त्रोत : रिव्होल्टप्रेस हिन्दी

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