लंदन : हाल ही में किए गए एक सर्वे में कहा है कि, आतंकवादियों में बडी संख्या उन लोगों की होती है जो अच्छे पढे लिखे होते हैं, बल्कि गरीब अशिक्षित कम ही इसकी ओर आकर्षित होते हैं।
इस सर्वेक्षण में खुलासा हुआ है कि, मुस्लिम देशों में जन्मे और उच्चतर शिक्षा अर्जित करने वाले इस्लामी कट्टरपंथियों के पास इंजीनियरिंग की डिग्री होने की संभावना इन देशों के आम लोगों की तुलना में १७ गुना अधिक होती है जो यह दर्शाने के लिए काफी है कि आतंकवाद का प्रसार किस वर्ग में ज्यादा होता है।
लंदन स्कूल ऑफ इकोनोमिक्स एंड पोलिटिकल साइंस (एलएसई) द्वारा लार्इ जा रही नर्इ पुस्तक ‘इंजीनियर्स ऑफ जिहाद’ के निष्कर्ष हिंसक इस्लामिक संगठनों के ८०० से अधिक सदस्यों के अध्ययन पर आधारित हैं।
पुस्तक के लेखक एलएसई के विद्वान डॉ. स्टीफन हटरेग और यूरोपीय विश्वविद्यालय इंस्टीट्यूट के प्राचार्य डियगो गाम्बेटा के अनुसार यह पुस्तक इस व्यापक धारणा को चुनौती देती है कि, बहुत सारे आतंकवादी गरीब, अनभिज्ञ होते हैं और उनके पास खोने के लिए कुछ नहीं होता।
पुस्तक के लेखकों का यह भी दावा है कि इस्लामिक कट्टरपंथियों के बीच स्नातकों की इतनी बडी उपस्थिति की वजह मूल मुस्लिम देशों में आर्थिक विकास विफलताएं हैं।
स्त्रोत : रिव्होल्टप्रेस हिन्दी